नई दिल्ली: डिजिटल जागरूकता पर आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकी के यथोचित इस्तेमाल और छात्रों के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी बढ़ाने के उद्देश्य से नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने इंटेल के सहयोग से डिजिटल वेलनेस ऑनलाइन चैलेन्ज के माध्यम से 10 लाख छात्रों तक पहुंच कायम की, जिसमें से 9.28 लाख बच्चों ने पंजीकरण कराया और लेवल-1 में उत्तीर्णता प्राप्त की और 31.9 हजार बच्चों ने लेवल-2 में उत्तीर्णता प्राप्त की।
इसे देश भर के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया गया है। कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों के बीच डिजिटल जागरूकता की एक संस्कृति स्थापित करने के लिए ऑनलाइन क्विज़ तैयार किया गया था, ताकि इसके फायदे के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ इंटरनेट आधारित बातचीत की संभावित चुनौतियों से भी उन्हें अवगत कराया जा सके तथा छात्रों को विभिन्न प्रकार की डिजिटल समस्याओं, उनके दुष्परिणामों और रोकथाम के उपायों से परिचित कराया जा सके। देश के 36 राज्यों से 144 विजेताओं को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा बाद में (संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के कार्यालय से तिथि की घोषणा की जाएगी) नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
डिजिटल वेलनेस ऑनलाइन चैलेन्ज के पूरा होने के बाद एनईजीडी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ”आज की युवा पीढ़ी प्रत्येक दिन अपना महत्वपूर्ण समय इंटरनेट पर बिताती है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमें से अधिकांश उपभोक्ता डिजिटल चुनौतियों और सुरक्षा के संभावित उपायों से परिचित नहीं है इसलिए इन उपभोक्ताओं को समस्याओं के बारे में जानकारी देने के लिए एक मनोरंजक और बातचीत आधारित तरीका उपलब्ध कराने की सख्त जरूरत थी। इस चैलेन्ज के प्रति जो हमें प्रतिक्रिया देखने को मिली है उससे हमें काफी प्रसन्नता हुई है। इस चैलेन्ज के विजेताओं को हमारी और से हार्दिक बधाइयां हैं तथा हम आशा करते हैं कि और भी ऐसे प्रयास किए जाएंगे।”
ऑनलाइन क्विज़ को हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध कराया गया था। क्विज़ के सफल समापन के बाद छात्रों को अपने इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण पत्रों को प्रिंट करने/ई मेल का विकल्प दिया गया था। ‘डिजिटल वेलनेस चैम्पियन’ के रूप में प्रत्येक राज्य से चार विजेताओं के प्रावधान के अनुसार इन विजेताओं को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई)/एनईजीडी की ओर से नई दिल्ली आमंत्रित किया जाएगा और एक पुरस्कार समारोह में सरकार की ओर से उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
इस चैलेन्ज के माध्यम से बच्चों और युवाओं को डिजिटल वेलनेस के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी के सुरक्षित, सम्मानित और जवाबदेह उपभोक्ता के रूप में काफी जानकारी देकर उन्हें प्रशिक्षित किया गया। इसके दौरान मनोरंजक प्रश्नों से बच्चों को साइबर बुलिंग, साइबर प्रीडेटर, गेमिंग एडिक्शन, आइडेन्टिटी थेफ्ट, कॉपीराइट उल्लंघन और प्लेजरिज़म आदि से जुड़ी डिजिटल और साइबर स्पेस की चुनौतियों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ बचाव के उपायों से अवगत कराया गया।