नई दिल्ली: फरवरी 2015 में डिजीटल लॉकर की शुरुआत के बाद 100 दिन के भीतर नागरिकों द्वारा 1,00,000 डिजीटल लॉकर खोले गए जिससे इसमें लोगों का विश्वास, फायदा और सुविधा दिखाई देती है।
डिजिटल इंडिया विज़न के अंतर्गत डिजीटल लॉकर एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य कागजी दस्तावेजों के इस्तेमाल को समाप्त करना है। डिजीटल लॉकर विभिन्न एजेंसियों को इस बात की इजाजत देगा कि वे नागरिकों के कागजी दस्तावेजों को डिजीटल लॉकर में डालकर उनके आधार नम्बर से जोड़ दें। यह नागरिकों को इस बात की भी इजाजत देता है कि वे अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को ई-हस्ताक्षर सुविधा का इस्तेमाल करते हुए डिजीटल तरीके से हस्ताक्षर करके अथवा बिना हस्ताक्षर किए अपलोड कर दें। डिजीटल लॉकर प्रणाली के निम्नलिखित फायदे हैं-
क कहीं से भी कभी भी प्रिंट कर लें-सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज प्रिंट किए जा सकते हैं, उपयोगकर्ता कहीं भी प्रिंट कर सकते हैं, साथ ही आपदा की स्थिति में भी दस्तावेज आसानी से मिल सकते हैं।
ख सुविधा-दस्तावेज प्राप्त करने के लिए कोई लम्बी कतार अथवा प्रक्रिया नहीं।
ग मुफ्त-डिजीटल लॉकर सुविधा के लिए नागरिकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा और इसे समाज के निचले स्तर द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
घ साझा करना-लोग फोटोकॉपी, स्कैन प्रतियों, दस्तावेज अपलोड किए बिना अन्य एजेंसियों/ विभागों के साथ दस्तावेजों को साझा कर सकते हैं।
ड़ सत्यापन- सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सरकारी दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन सत्यापित किया जा सकता है जिससे जाली दस्तावेजों/प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल समाप्त होगा।
च सुरक्षित- केवल दस्तावेजों के स्वामी को ही इन्हें देखने का अधिकार है और वह जरूरत के मुताबिक इसे साझा कर सकता है।
उपयोगकर्ता द्वारा कुछ उठाए जाने वाले कुछ अन्य फायदे इस प्रकार हैं-
क अनेक प्रमाणपत्र जैसे-जन्म, निवास स्थान आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
ख बिना किसी परेशानी के मुफ्त पंजीकरण
क सिम कार्ड
ख एलपीजी कनेक्शन
ग ड्राइविंग लाइसेंस
डिजीटल लॉकर प्रत्येक नागरिक को सुविधा प्रदान करेगा और नागरिकों के दरवाजे पर सेवाएं प्रदान करने नागरिक केन्द्रीय शासन मॉडल के सरकार के विजन को पूरा करेगा।
5 comments