नई दिल्ली: नीति आयोग की दो प्रोत्साहन योजनाओं- लकी ग्राहक योजना और डिजि-धन व्यापार योजना के जरिये भारत में डिजिटल भुगतान को एक जन आंदोलन बनाने की पहल ने अपनी शुरुआत के बाद महज 58 दिनों में जबरदस्त नतीजे दिए हैं।
यह पहल एक मुहिम का रूप ले चुकी है और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने डिजिटल लेनदेन प्रणाली में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।
इन योजनाओं को कार्यान्वित करने वाली संस्था भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 20 फरवरी 2017 तक करीब 10 लाख ग्राहकों और व्यापारियों के बीच 153.5 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई।
उल्लेखनीय तथ्य :
- 9.8 लाख विजेताओं में 9.2 लाख उपभोक्ता तथा 56 हजार व्यापारी हैं।
- 120 उपभोक्ताओं ने एक लाख रूपये प्रत्येक का पुरस्कार जीता है।
- 4 हजार दुकानदारों ने 50 हजार रुपये प्रत्येक का नकद पुरस्कार जीता है।
- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सर्वाधिक विजेताओं के साथ चोटी के पांच राज्यों के रूप में उभरे। ज्यादातर विजेता 21 से 30 वर्ष के उम्र के हैं।
- इन योजनाओं में पुरुषों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी दिखी।
- इन विजेताओं की आयु वर्ग में विविधता और बुजुर्गों तथा सेवानिवृत्त लोगों से लेकर छात्रों तक उनकी भागीदारी उस धारणा को चुनौती देती है कि डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने में प्रौद्योगिकी उन्हें सबसे बड़ी समस्या दिखती है।
- इन दोनों योजनाओं के विजेताओं की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि में भी विविधता दिखी और उसमें किसानों, व्यापारियों, छोटे उद्यमियों, पेशेवरों, गृहणियों से लेकर सेवानिवृत्त व्यक्तियों तक शामिल हैं।
विजेताओं ने अपने अनुभव बताए कि उन्होंने किस प्रकार से डिजि भुगतान को अपनाया और इससे इनका जीवन कितना आसान हो गया। दिल्ली के एक 22 वर्षीय ड्राइवर सबीर ने ग्राहकों के लिए लक्की ग्राहक योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये जीते हैं। डिजि भुगतान उनके लिए परोक्ष रूप से एक वरदान बनकर आया है कयोंकि उनके पिता के निधन के पश्चात उनके लिए बैंक की लाइनों में खड़े होने का वक्त ही नहीं था और उन्हें अपनी माता और शारीरिक रूप से विकलांग बहन की देखभाल भी करनी होती थी। हरियाणा के हिसाब से एक गेंहू उत्पादक 29 वर्षीय किसान भीमसिंह ने बताया कि वह अब थोक विक्रेताओं से माल की खरीद के लिए डिजि भुगतान का इस्तेमाल करते हैं। तमिलनाडू में कोयम्बतूर की 29 वर्षीय इंजीनियरिंग की छात्रा एवं छ: वर्ष के बच्चे की माता सुश्री जयन्ती भी इस योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये के पुरस्कार की विजेता हैं।
दुकानदारों में राजस्थान के अलवर से परचून के दुकान के मालिक 42 वर्षीय दामोदर प्रसाद खंडेलवाल ने डिजि धन व्यापार योजना के अंतर्गत 50 हजार रुपये जीते हैं।
पुरस्कार आंकड़ों के एक विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ विजेताओं का भौगोलिक दायरा भी काफी विस्तृत रहा। दिलचस्प है कि डिजिटल भुगतान के इस्तेमाल का लाभ भारत के हर कोने तक पहुंच गया और विजेताओं में लगभग हर राज्य के लोग दिखे।
नीति आयोग 25 दिसंबर 2016 से भारत भर में 110 शहरों में डिजि धन मेलों का आयोजन कर रहा है और यह क्रम 14 अप्रैल 2017 तक प्रतिदिन चलेगा। देश भर में डिजि भुगतान आंदोलन को बहुसंख्यक लोगों तक पहुंचाने के लिए अब तक 59 डिजि धन मेलों का आयोजन किया जा चुका है।
योजना के बारे में:
नीति आयोग की दो योजनाएं हैं- लकी ग्राहक योजना (एलजीवाई) और डिजि-धन व्यापार योजना (डीवीवाई)। इन योजनाओं को 25 दिसंबर 2016 को शुरू किया गया था और ये 14 अप्रैल 2017तक खुली रहेंगी। इन योजनाओं का उद्देशय डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ग्राहकों और व्यापारियों दोनों को प्रोत्साहित करना है। इनके तहत कुल 1.5 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के लिए रोजाना 15,000 विजेताओं की घोषणा की जाती है। इसके अलावा हर सप्ताह कुल करीब 8.3करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के लिए 14,000 से अधिक साप्ताहिक विजेता घोषित किए जाते हैं।
रूपे कार्ड, भीम / यूपीआई (भारत इंटरफेस फॉर मनी/यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), यूएसएसडी आधारित *99# सेवा और आधार सक्षम भुगतान सेवा (एईपीएस) का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता और व्यापारी दैनिक एवं साप्ताहिक लकी ड्रॉ पुरस्कार जीतने लेने के लिए पात्र हैं।
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