देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने स्थानीय होटल में आयोजित ‘डिजिटल उत्तराखण्ड: ब्रिजिंग पीपुल, प्रॉसेस एंड टेक्नालाजी‘ विषय पर ई-उत्तराखण्ड समिट में सूचना प्रौद्योगिकी महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम बिजली, सड़क, पानी की उपलब्धता पर जोर देते रहे हैं। आज समय आ गया है कि चौथी बुनियादी जरूरत डिजिटल अवस्थापना पर भी उसी मिशनरी भावना से कार्य करें। भारत को दुनिया के तहत प्लेटफार्म पर लाने के लिये डिजिटल इंडिया के तहत भारत सरकार कार्य कर रही है। इसका असर ग्रामीण, शहरी युवा और वृद्ध लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर पड़ेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि विश्व बैंक के आकलन के मुताबिक मोबाइल फोन की 10 प्रतिशत बढ़ोतरी से प्रति व्यक्ति जीडीपी में 0.81 प्रतिशत वृद्धि हुई। इसी तरह से ब्राडबैंड कनेक्टिविटी के बढ़त से प्रति व्यक्ति जीडीपी मे 1.38 प्रतिशत वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि भारत में 100 में 15 लोगों तक ही इंटरनेट की पहुंच है और 5.5 लोग ही ब्राडबैंड से जुड़े हैं। हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों तक ई-उत्तराखण्ड पहल के जरिये इंटरनेट की सेवाएं मिले। आधार कार्ड और यूनिक आईडी के माध्यम से नागरिकों को सेवाएं आसानी से मिल सकेंगी। मोबाइल के बढ़ते चलन की वजह से वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से सम्बंधित सूचनाएं आसानी से उपलब्ध है। ई-कामर्स से सेल और सर्विस की डिलेवरी में तेजी आई हैं। इन डिजिटल प्रयासों से तकनीक और सेवाएं एक साथ मिलकर व्यक्ति, सरकार, व्यवसाय और समाज में गुणात्मक परिवर्तन हो रहा हैं।
इससे पूर्व डीजीपी एम.ए.गणपति ने साइबर अपराध के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला। साइबर सुरक्षा के प्रति उन्होंने सतर्क रहने के लिए कहा। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखण्ड की रैंकिग बेहतर बनाकर निवेशकों में विश्वास का भाव जगाने के लिए मुख्य सचिव की सराहना की। सचिव आईटी दीपक कुमार ने उत्तराखण्ड में आईटी क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। निदेशक आईटीडीए धर्मेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।