देहरादून: प्रोजेक्ट फाइनेेंसिंग मैनेजमेंट सिस्टम(पीएफएमएस) से उत्तराखण्ड के सभी कोषागार जुड़ गये हैं। नवम्बर तक पीएफएमएस पूरी तरह से राज्य में लागू हो जायेगा। इससे भारत सरकार से मिलने वाले धन का लेखा जोखा भारत सरकार के पास रहेगा। साथ ही 10 अक्टूबर तक सभी लाभार्थी के खाते आधार से जुड़ जायेंगे। अब छात्रवृति, पेंशन सहित सभी धन सीधे लाभार्थी के खाते में जायेंगे। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह बुधवार को सचिवालय में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के राज्य सलाहकार परिषद की अध्यक्षता में कर रहे थे।
बैठक में बताया गया कि पीएफएमएस के बारे में जानकारी देने के लिए वित्त नियंत्रकों को प्रशिक्षण दिया गया है। 9 सितम्बर को सभी कोषाधिकारियों को भी डिजीटल प्लेटफार्म पीएफएमएस का प्रशिक्षण दिया जायेगा। बताया गया कि राज्य स्तर पर इसके लिए गठित प्रकोष्ठ का नोडल अधिकारी अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चैहान को बनाया गया है। जनपदों में मुख्य विकास अधिकारी और विभागों में वित्त अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। डीबीटी से सीधे लाभार्थी के खाते में लाभ जायेगा। इससे भुगतान में विलम्ब नहीं होगा। आईटी के इस्तेमाल से मैक्सिमम गवर्नंस एंड मिनिमम गवर्नमेंट की भावना साकार होगी। कैश के अलावा काइंड का भी ट्रांसफर इसके माध्यम से किया जायेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) में उपभोक्ता को मिलने वाला लाभ भी डीबीटी से होगा। मुख्य सचिव ने सभी सम्बंधित विभागों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकस मनीषा पंवार, सचिव समाज कल्याण भूपिंदर कौर औलख, सचिव वित्त अमित नेगी, अपर सचिव नियोजन रंजीत सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।