नई दिल्ली: देशभर में अपरेंटिसशिप प्रशिक्षण को गति देने के लिए केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने आज केंद्रीय अपरेंटिसशिप परिषद( सीएससी) की 36वीं बैठक का आयोजन किया। बैठक में अपरेंटिसशिप नियम,1992 में संशोधन कर अपरेंटिसशिप प्रशिक्षण में नए सुधार करने पर विचार विमर्श किया गया। 36वीं केंद्रीय अपरेंटिसशिप परिषद रोजगार में प्रशिक्षण प्राप्त वाले युवाओ की आशाओ को पूरा करने और रोजगार के लिए श्रेष्ठ अवसर प्रदान करने के लक्ष्य के प्रति कार्यरत है।
बैठक में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे,केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री डॉ के पी कृष्णन, कौशल विकास और उद्यमिता सचिव श्री राजेश अग्रवाल, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ मनीष कुमार,राष्ट्रीय कौशल विकास कार्पोरेशन के एमडी और सीईओ तथा केंद्रीय अपरेंटिसशिप परिषद के सदस्य शामिल हुए
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे ने कहा कि हमारी सरकार की मुख्य आर्थिक प्राथमिकता देश की अर्थव्यवस्था को पांच बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस विषय में गहरी रूचि रखने साथ नवीन सरकार गठन के बाद से ही कौशल विकास को उच्च प्राथमिकता दी गई है। अपरेंटिसशिप को अभिनव सुधारो दवारा अधिक गति प्रदान की जा सकती है। हमें ध्यान रखना होगा कि एक ओर जहां अपरेंटिस को दिया जाने वाला वेतन उसके लिए पर्याप्त हो वहीं इससे उद्योग जगत को अपरेंटिस रखने में हतोत्साहन न मिले। परिषद की इस बैठक में रखे जाने वाले प्रस्ताव देश भर के संस्थानो में अपरेंटिस को बढावा देने का प्रयास है।
बैठक के दौरान अपरेंटिसशिप नियम,1992 में कई सुधारो पर विचार विमर्श किया गया। इनमें प्रमुख प्रस्ताव निम्नलिखित हैं।
मुख्य प्रस्ताव
- अपरेंटिसशिप की उपरी सीमा को वर्तमान में संस्थान की कुल क्षमता के 10 प्रतिशत से बढाकर 15 प्रतिशत करना
- संस्थानो में अनिवार्य बाध्यता के साथ अपरेंटिस को 40 से 30 करने के साथ निचली सीमा को कम करना तथा संस्थानो में निचली सीमा को कम करना जिससे वैकल्पिक आधार पर अपरेंटिस 6 से 4 हो सके।
- सभी श्रेणियो की अपरेंटिसशिप में दिए जाने वाले वेतन को यथासंगत करना
- कार्यक्रम को बेहतर समझने में सुविधा देने के लिए अपरेंटिस को शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप निर्धारित वेतन प्रदान करना
नए सुधारो की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री आर के सिंह ने कहा कि ये सुधार युवाओ को स्कूलो से रोजगार स्थल में कार्य करने की कड़ी में प्रभावी साबित होगें और इससे उद्योगो और प्रशिक्षण संस्थानो के बीच संबंधो में सुधार होगा।