लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 06 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट की और वैश्विक शिखर सम्मेलन-2018 के आयोजन के संबंध में रोडमैप तैयार करने पर चर्चा की।
इस मौके पर श्री महाना ने कहा कि यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट में 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश एमओयू हस्ताक्षर किए गए। जिसमें से 60,000 करोड़ रुपये की 81 परियोजनाए ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2018 के लिए रोड मैप तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए प्रमुख रूप से औद्योगीकरण एवं एनआरआई दिवस के आयोजन पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तपर पर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
डेलीगेशन के आधिकारियों ने सुझाव दिया कि विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने की अत्यन्त आवश्यकता है। इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत बड़ा प्लेटफार्म साबित होगा। आईएफएस अधिकारियों द्वारा वैश्विक स्तर पर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए समग्र योजना पर चर्चा की गई तथा विश्व के मानचित्र पर उत्तर प्रदेश की छवि निखारने हेतु सुझाव दिये गये।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को विश्व के विभिन्न देशों में भ्रमण करना चाहिए तथा दुनिया भर में हर वाणिज्य दूतावास में निवेश नीतियों से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराई जाय। एक्सप्रेसवे और डिफेंस कारीडोर का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। साथ ही एक अधिकारी को अधिकृत किया जाय, जो विदेशी निवेशकों को योजनाओं और निवेश की जानकारी उपलब्ध कराये तथा मौके पर ही उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी कर सके।
औद्यागिक विकास मंत्री ने डेलीगेशन के सुझावों को काफी गम्भीरता से लिया और आश्वस्त किया कि इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाया जायेगा। डेलीगेशन में आईएफएस अधिकारियों में सुश्री निहारिका सिंह, श्री राज कुमार, श्री राजगोपाल सिंह, सुश्री ईशा श्रीवास्तव, श्री मयंक सिंह तथा श्री शशांक विक्रम शामिल थे।