रुद्रप्रयाग:बीएड की फर्जी अंक तालिका और डिग्री लेने के आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका सेशन जज ने खारिज कर दी है। मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिकारी सुदर्शन चौधरी ने की।
शुक्रवार को अपर सेशन जज भारत भूषण पांडेय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। उन्होंने आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि, एसआईटी जांच के बाद जो बीएड की डिग्री आरोपी द्वारा उपलब्ध कराई गई है, वह प्रारंभिक विवेचना में फर्जी साबित हो चुकी है।
साथ ही विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बाद से आरोपी कभी भी पुलिस के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ। जिला शासकीय अधिकारी सुदर्शन चौधरी ने बताया कि इस वर्ष जुलाई माह में एसआईटी जांच में आरोपी शिक्षक विक्रम सिंह नेगी की चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से वर्ष 1994 में ली गई बीएड की अंक तालिका व डिग्री फर्जी पाई गई थी।
मामले की विवेचना के बाद आरोपी के विरुद्ध जिला शिक्षाधिकारी बेसिक रुद्रप्रयाग द्वारा 14 अगस्त 2018 को मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद आरोपी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए अपर सेशन जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें आरोपी शिक्षक ने अपने को झूठा एवं रंजिशन फंसाए जाने की बात कही थी, लेकिन न्यायालय ने बीएड की फर्जी अंक तालिका व डिग्री के सहारे नौकरी पाने को गंभीर अपराध बताया।
दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए अपर सेशन जज ने आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका खारिज कर दी। इधर, डीईओ बेसिक डॉ. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपी को बीते सितंबर माह नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। अमर उजाला