लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद बलरामपुर की तहसील उतरौला के बाढ़ प्रभावित ग्राम पालापुर में बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने बाढ़ प्रभावितों से वार्ता की और उन्हें उपलब्ध करायी जा रही राहत सामग्री के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ जनपद में बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की।
मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद में एक एस0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 फ्लड यूनिट तैनात हैं। प्रत्येक प्रभावित गांव में नाव की व्यवस्था की गई है तथा बाढ़ चौकी और कण्ट्रोल रूम के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक प्रभावित परिवार को समय से राहत सामग्री उपलब्ध हो, इसके लिए स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधिगणों के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा पूरी प्रतिबद्धता के साथ बाढ़ प्रभावितों को राहत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद बलरामपुर में लगभग 60 राजस्व गांव राप्ती नदी व उसकी सहायक नदियों के कारण प्रभावित हैं, जिनमें लगभग 60 से 65 हजार की आबादी प्रभावित है। जिला प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत बचाव कार्यों हेतु पूर्व में निर्देशित किया गया है। पिछले कुछ दिनों में नेपाल एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है, अगले कुछ दिनों में राहत मिलने की सम्भावना है, लेकिन बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर संचालित रहें, सरकार द्वारा यह निर्देश पहले से ही जारी किए गए हैं। इसके लिए प्रत्येक जनपद को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जल शक्ति विभाग द्वारा ड्रेनेज कार्य व नदियों के चैनेलाइज करने के कार्य से बाढ़ जैसी आपदा को काफी हद तक नियंत्रित किया गया है। इससे पूर्व, जहां भारी बारिश से पूरा बलरामपुर जलप्लावित हो जाता था, आज एक बड़ी आबादी को बचाने का कार्य किया गया है। राहत एवं बचाव के सभी उपाय करने के साथ सरकार ने यह तय किया है कि बाढ़ एवं जल-जमाव के कारण होने वाली संक्रामक बीमारियांे की रोकथाम हेतु आगामी 05 सितम्बर से 12 सितम्बर तक, हरेक जनपद में नोडल अधिकारी की तैनाती करते हुए, अन्तर्विभागीय समन्वय से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की देख-रेख में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग आदि के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग, नगरीय विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग इन सभी विभागों को जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ या आपदा के कारण किसी भी व्यक्ति की दुःखद मृत्यु पर प्रभावित परिवार को यथाशीघ्र 04 लाख रुपए की सहायता, मकान क्षतिग्रस्त होने पर 95,000 रुपए की आर्थिक सहायता, नदी की कटान से घर बह जाने पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास का लाभ, अगर किसी के मवेशी बाढ़ की चपेट में आते हैं, तो उनको भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। आपदा के दौरान किसी किसान की दुःखद मृत्यु पर किसान के परिवार को 05 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हर प्रभावित परिवार को समय पर बाढ़ से बचाव एवं राहत मिल सके, इसके लिए शासन द्वारा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावितों को राहत सुविधाएं समय से उपलब्ध करायी जा रही हैं। सरकार बाढ़ पीड़ित परिवारों को संवेदनशीलता के साथ हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित कृषि फसल का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। समयबद्ध ढंग से सभी पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री पहुंचे, इसके लिए सरकार द्वारा पहले से निर्देश जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में संसाधन एवं धनराशि उपलब्ध करायी गई है।