देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय देहरादून में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एवं पेयजल (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार) एवं राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप (नमामि गंगे), स्वच्छता विभाग उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘गंगा क्विज’’ की विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए।
‘‘गंगा क्विज’’ में प्रतिभागी व विजेता टीमों विशेषकर छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्राचीन काल से ही गंगा हमारे जीवन, सभ्यता व संस्कृति का अभिन्न अंग रही है। गंगा ने भारतीयों व विश्वभर के हिन्दुओं के मानस पटल को गहराई से प्रभावित किया है। इस कारण आज दुनियाभर के लोग गंगा की निर्मलता के विषय में चिन्तित है। गंगा अध्यात्मिक व भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। शास्त्रों में गंगा को त्रिपथगामिनी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए दृढ़ संकल्प लेने की जरूरत है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी के साथ व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है। यह जल की स्वच्छता का प्रश्न है। राइन डेवलेपमेन्ट आॅथोरिटी द्वारा राइन नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास सफल रहे है। हमें भी गंगा की निर्मलता के लिए कृतसकंल्प होना पडे़गा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गंगा की निर्मलता के लिए केवल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर ही नहीं बल्कि आत्मिक रूप से जुड़ कर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर जूनियर कैटगरी में प्रथम पुरस्कार आर ए एन स्कूल, रूद्रपुर, द्वितीय पुरस्कार दिल्ली पब्लिक स्कूल बीएचईएल हरिद्वार, तृतीय पुरस्कार डा0 जेवीएन स्कूल रूद्रप्रयाग को तथा सीनियर कैटगरी में प्रथम पुरस्कार कुर्माचंल एकेडमी अल्मोड़ा, द्वितीय पुरस्कार द एशियन एकेडमी पिथौरागढ़, तृतीय पुरस्कार कैम्पस स्कूल पन्तनगर को प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने छात्र-छात्राओं को गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने की शपथ दिलाई।