लखनऊः उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बायोमैट्रिक से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। बायोमैट्रिक व्यवस्था से वितरण करने हेतु आधार सीडिंग जरूरी है, किन्तु जिन पात्र व्यक्तियों के किसी वजह से आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें नाॅन आधार आधारित वितरण (प्राक्सी) व्यवस्था से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा हैै। यह जानकारी खाद्य अपर आयुक्त श्री अनिल कुमार दूबे ने दी।
श्री दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी पात्र व्यक्ति खाद्यान्न प्राप्त करने से छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि जिसका राशन कार्ड बना है, किन्तु किसी कारण से आधार उपलब्ध नहीं है, उसे प्राक्सी व्यवस्था से वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राॅक्सी ऐसी व्यवस्था है, जिसमें पात्र व्यक्ति अपनी किसी भी मान्य आई0डी0 (पहचान पत्र) के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। इस व्यवस्था मंे पात्र व्यक्ति के दिए गए पहचान पत्र के आखिरी के चार डिजिट (अंक) मशीन में फीड किए जाते है और उससे अंगूठा लगवाकर राशन का वितरण किया जाता है।
अपर आयुक्त ने बताया कि ऐसे लगभग 25 हजार लोगों को भी चिन्हित किया गया है, जो शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण उचित दर की दुकान पर नहीं पहुंच सकते। ऐसे लोगों में बुजुर्ग तथा विकलांग लोगों को शामिल किया गया है। ऐसे लोगों के घर पर ही मशीन पर अंगूठा लगवा कर राशन पहुंचाया जायेगा।