लखनऊ: प्राकृतिक और आर्थिक संसाधनों पर जनसँख्या वृद्धि का नकारात्मक असर सर्वविदित है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी और जनसँख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन की सेवाओं में गुणवत्ता, उपलब्धता और लोकप्रियता बढ़ाकर समस्त संसाधनों पर बढ़ते भार को कम किया जा सकता है। वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवायें इस दिशा में समर्पित और कृतसंकल्प हैं।
भारतीय समाज और परिवारों में पुरुष प्रधानता है, उसका निर्णय परिवार विशेषकर पत्नी के जीवन में अत्यंत प्रभावी होता है। परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के चयन के विषय में भी उसकी सहमति और निर्णय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नव-विवाहित दम्पत्तियों में परिवार नियोजन के साधनों के चयन हेतु परामर्श के प्रति संकोच के कारण विवाह के प्रथम वर्ष में गर्भाधान को हतोत्साहित कर जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है। इस आशय से आशा के माध्यम से चिन्हित कराकर समस्त नव-दम्पत्तियों को विवाह के समय ‘‘शगुन किट‘‘ उपलब्ध कराई जा रही हैं। आशा घर-घर जाकर, खुशहाल परिवार दिवस के दौरान, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर, सास-बेटा-बहू सम्मेलन में और सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शगुन किट वितरित करती है। आशा द्वारा नव विवाहित दम्पत्ति को शगुन किट देते समय गर्भ निरोधक साधन के बारे में परामर्श भी दी जाती है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित किये जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस के अवसर पर नवदम्पत्तियों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आशा द्वारा लाकर गर्भधारण पूर्व परिवार नियोजन और पोषण के लिए परामर्श प्रदान की जाती है। साथ ही, आशा को समय-समय पर इनके साथ फालोअप कर इच्छित गर्भनिरोधक सामग्री की नियमित आपूर्ति की जाती है।
जूट के बने आयताकार बैग-शगुन किट का क्रय जनपद स्तर से जेम पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें रहने वाली सामग्री का विवरण सहित दिशानिर्देश राज्य स्तर से जारी किये गए हैं। प्रत्येक जूट बैग में रहने वाली सामग्री निम्नवत है-
जूट की थैली, बधाई पत्र, परिवार नियोजन से सम्बंधित सूचना कार्ड, 02 तौलिया, कंघी, नेल कतर, बिन्दी का पैकेट, पुरुषों के लिए रूमाल, महिलाओं के रूमाल, छोटा शीशा, मास्क, रेजर, विवाह पंजीकरण फार्म, 05 पैकेट कन्डोम (निरोध), 03 पत्ता छाया साप्ताहिक गोली, 02 आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ई-पिल्स). 01 गर्भावस्था जांच किट।
वर्ष 2021-22 में कुल 3,26,753 नव-विवाहित दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ च्वाइस साधनों की जानकारी देते हुए शगुन किट का वितरण किया गया। इसी क्रम में वर्ष 2022-23 में दिसम्बर 2022 तक कुल 1,41,576 नव-विवाहित दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ च्वाइस साधनों की जानकारी देते हुए शगुन किट का वितरण किया गया है। इन सभी को इसके बाद आशा के माध्यम से परिवार नियोजन के साधनों की अनवरत आपूर्ति की जा रही है।
जनसँख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य पाने के लिए किये गए प्रयासों का परिणाम है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (वर्ष 2019-21) में विगत सर्वे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (वर्ष 2015-16) की तुलना में प्रति महिला सकल प्रजनन दर में गिरावट दर्ज हुयी, जो कि 2.7 से घटकर 2.4 हो गयी। इस गिरावट का परिणाम यह आया कि राष्ट्रीय स्तर पर सकल प्रजनन दर में भी कमी आई। इन्हीं आंकड़ों के अनुसार विगत पांच वर्षों में जन्म लेने वाले बच्चों में बालिकाओं की जन्म दर में प्रत्येक 1000 बालकों की तुलना में 903 की अपेक्षा 941 की वृद्धि हुयी है। यह आंकड़े प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और आम जन-मानस में परिवार नियोजन के साधनों के प्रति बढ़ते विश्वास का द्योतक हैं।