बागेश्वर/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को जनपद बागेश्वर के विकास खण्ड कपकोट के दूरस्थ ग्राम कर्मी व भनार का भ्रमण कर वहां पर लगने वाले मेलों में प्रतिभाग किया।
उन्होंने जन समस्याओं को सुनने के साथ-साथ कर्मी एवं भनार में किये जाने वाले व किये जा चुके कुल 6682.25 लाख रुपयों के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने जन आकांक्षाओं के अनुरूप क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणायें की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने राजस्व ग्राम कर्मी के पृथक-पृथक दो राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु स्वीकृति, राजकीय हाईस्कूल नाचती एवं राजकीय हाईस्कूल तिलाडी का उच्चीकरण, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कर्मी माॅडल विद्यालय की स्वीकृति, राजकीय इण्टर कालेज कर्मी एंव राजकीय इण्टर कालेज सोराग के बहउद्देशीय भवन की स्वीकृति, ग्राम पंचायत कर्मी बाछम, बदियाकोट, चैडास्थल एवं सूपी में खेल मैदान/मिनी स्टेडियम की स्वीकृति, कर्मी एवं पिण्डर घाटी क्षेत्र को संचार सुविधा से जोडे जाने की स्वीकृति, ग्राम झूनी, सूपी, चैडास्थल, कर्मी धूर, बघर, सोराग, बोरबल्डा, हरकोट, बाछम, कालों किलपारा, मिकिलाखलपट्टा एवं खलझूनी में चाय बगान स्थाापित करने की स्वीकृति, सस्त्रधारा को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की स्वीकृति, जुडिया(कर्मी) पेयजल योजना का पुर्नगठन सहित अनेक मोटर मार्गों की स्वीकृति प्रदान की गई ।
मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा शिलान्यास व लोकार्पण की गयी योजनाओं के अन्तर्गत कपकोट-पोलिंग मोटर मार्ग लागत 393.13 लाख, ड्यूनी-सुकण्डा मोटर मार्ग लागत 340.98 लाख, असौं- बेड़ापाखर-ओखलधार मोटर मार्ग लागत 448.92 लाख, कपकोट में खादी एवं ग्रामोद्योग का भवन लागत 24.14 लाख, रिखाड़ी-वाछम मोटर मार्ग में विभिन्न स्थानों पर 9 नम्बर वैलीब्रिज का निर्माण लागत 1962.00 लाख, कपकोट-कर्मी मोटर मार्ग का अपग्रेडेशन लागत 1662.35 लाख, द्वाली से कफनी ग्लेशियर तक के पूर्ण क्षतिग्रस्त मार्ग का पुनर्निर्माण लागत 100 लाख, रमाड़ी-कनौली मोटर मार्ग का निर्माण लागत 133.90 लाख, रमाड़ी-कनौली मोटर मार्ग का किचवा तक विस्तारीकरण लागत 147.00 लाख, भलौढी मोटर मार्ग निर्माण 211.00 लाख, कपकोट-पिण्डारी ग्लेशियर पैदल मार्ग में मरम्मत कार्य लागत 60.00 लाख, शामा से रमाणी, तेजम मोटर मार्ग से ज्ञानधुरा होते हुए डागती तक मोटर मार्ग का विस्तार लागत 30.20 लाख, खड़लेख-भनार मोटर मार्ग के 10 किमी आगे धरमघर-माजखेत मोटर मार्ग के घुरडि़या बैण्ड तक मिलान का कार्य लागत 48.32 लाख, कालापैरकापड़ी स्कूल के पास रामगंगा नदी पर 70 मीटर स्पान झूला पुल का निर्माण कार्य लागत 3.59 लाख, नामतीचेटाबगड़ में 48 मीटर स्पान का वैली ब्रिज लागत 457.46 लाख, कुल 6121.45 लाख रुपयों की योजनाओं का षिलान्यास किया गया तथा भेड़ व ऊन प्रसार केन्द्र बदियाकोट लागत 18.00 लाख, पषु चिकित्सालय सौंग लागत 13.74 लाख, कर्मी में पुनर्निर्मित आवासीय भवन लागत 18.66 लाख, भेड़ फार्म कर्मी के अनावासीय भवन लागत 33.40 लाख, राईका सोराग का इण्टर स्तर तक उच्चीकरण, राजकीय जूनियर हाइस्कूल धान्यारी का प्रान्तीयकरण तथा 23/11 केवी विद्युत उप संस्थान कर्मी लागत 477.00 लाख, कुल 560.8 लाख रुपयों की योजनाओं का लोकार्पण किया गया।
भ्रमण कार्यक्रम के तहत सर्वप्रथम कर्मी पहुंचे मुख्यमंत्री श्री रावत ने कर्मी मेले में दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारम्भ कर मेलार्थियों के साथ मेले का आनन्द लिया। उन्होनें विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ मेले में आयोजित सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया। मेले में उपस्थित विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेलों का अपना विशेष महत्व है इनके आयोजनों से जहां एक ओर अपनी संस्कृति से लोगों का जुड़ाव होता है वहीं दूसरी ओर आपसी मेल-जोल के साथ-साथ पुराने रीति-रिवाजों, खान-पान के संरक्षण व व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करने के अवसर प्राप्त होते हंै। उन्होंने कहा कि शनैः-शनैः हमारी विलुप्त हो रही संस्कृति को पुनस्र्थापित करने हेतु आज मेलों को उनके पुरातन स्वरूप को बरकारार रखते हुए संरक्षित किये जाने की अत्यन्त आवश्यकता है और इसके लिये क्षेत्र के जागरूक लोगों को इस दिशा में कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखना होगा के पुरातन स्वरूप को संरक्षित रखने के साथ-साथ मेलों व त्यौहारों को वर्तमान व आगे की पीढ़ी के लिये उत्तम संस्कार व बेहतर रोजगार की दृष्टि से और अधिक उपयोगी कैसे बनाया जा सकता है ताकि पहाड़ को स्वावलम्बी बनाने के अलावा पलायन रोकने का भी समाधान मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में प्रयत्नशील है कि वो मेले और त्यौहारों के संरक्षण के साथ-साथ यहां की विलुप्त हो रही लोक विधा को भी संरक्षित करें। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य के संस्कृति विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने कहा ऐसे कलाकार जो यहां की पुरातन विधा के ज्ञाता हैं को बढ़ावा देने का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है साथ ही वृद्ध व विपन्न कलाकारों के लिए पेेंशन की भी व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारम्परिक वेश-भूषा की पहचान बनाये रखने के लिये भी सरकार ठोस निर्णय ले रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ को स्वावलम्बी बनाने हेतु आवश्यक है कि हमको अपनी खेती व शिल्प को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए हर थाने में एक-एक महिला थानेदार होगी। महिला पुलिस में 1800 महिलाओं को भर्ती शीघ्र की जायेगी। उच्च हिमालयी क्षेत्र में फरदार वृक्षों जडी बुटी एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कहीं इसके लिए उन्होंने नई पीढ़ी को जागरूक होने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐंठानी ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया।
कार्यक्रम में ब्लाक प्रमुख बागेश्वर श्रीमती रेखा खेतवाल, पूर्व विधायक उम्मेद सिंह मजिला, पूर्व ब्लाक प्रमुख इन्द्र सिंह परिहार, रामगिरी गोस्वामी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गीता रावल, भगत सिंह रावल, श्री गोविन्द दानू,श्री देवेन्द्र सिंह परिहार उपाध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर आदि उपस्थित थे।