लखनऊ: प्रदेश के खाद्य आयुक्त, श्री आलोक कुमार ने समस्त जिलाधिकारियों को गेहूँ क्रय केन्द्रों पर बोरा, धनराशि, भण्डारण स्थान, किसानों के गेहूँ की समय से तौल न हो पाने और बिचैलिये के सक्रिय होने जैसी समस्याओं के त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये हैं।
खाद्य आयुक्त श्री आलोक कुमार ने कहा कि कृषकों को गेहूँ बेचने के लिए क्रय केन्द्रों पर कई दिन प्रतीक्षा करने की शिकायत के निवारण के लिए सभी क्रय केन्द्रों पर 01 टोकन रजिस्टर अनिवार्य रूप से बनाया जाये, जिस पर किसान का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, क्रय करने वाले गेहूँ की अनुमानित मात्रा व केन्द्र पर गेहूँ तौलने की सम्भावित तिथि अंकित करायी जाये।
श्री आलोक कुमार ने कहा कि बिचैलियों के माध्यम से गेहूँ क्रय की शिकायत पर अंकुश लगाने के लिए क्रय केन्द्रों के निरीक्षण के समय बिचैलियों/संदिग्ध कृषकों पर निगरानी रखी जाये और अनियमितता पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। सहायक नियंत्रक, विधिक माप के माध्यम से जिले के समस्त क्रय केन्द्रों व भारतीय खाद्य निगम डिपो के धर्मकांटों को दिखवा लिया जाये, ताकि किसानों से अतिरिक्त गेहूँ लेने सम्बन्धी कोई शिकायत न आये।
खाद्य आयुक्त ने कहा कि क्रीत गेहूँ के भण्डारण की समस्या के निराकरण के लिए जिले में उपलब्ध प्राइवेट गोदामों, अन्य सहकारी/सरकारी गोदामों, मण्डी समिति के गोदामों तथा मण्डी समिति के शेड/चबूतरों आदि को उपयुक्त पाये जाने पर वहाँ भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से वरीयता के आधार पर गेहूँ भण्डारण का कार्य शुरू कराया जाये।
खाद्य आयुक्त ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर ट्रकों की लम्बी-लम्बी लाइनेें न लगने पायें व अनावश्यक हाल्टेज न हो। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित कर लिया जाये कि क्रय केन्द्रों पर गेहूँ क्रय के समानुपात में आगामी तीन दिन की खरीद के लिए बोरों की उपलब्धता हो। भारतीय खाद्य निगम डिपो पर गेहूँ की डिलीवरी के बाद एक्नालेजमेन्ट प्राप्ति के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है कि गेहूँ सम्प्रदान के 48 घण्टे के अन्दर सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से एक्नालेजमेन्ट क्रय एजेन्सियों को उपलब्ध करा दिए जायें। खरीदे हुए गेहूँ की मात्रा के भुगतान के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है कि 02 दिवसीय अभियान चलाकर क्रय एजेन्सियों के लम्बित बिलों का शत-प्रतिशत भुगतान कराया जाये।