देहरादून: ‘‘दयावती बहन आपकों ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है ना। आपको सही सुविधाएं तो मिल रही है।’’ ‘‘मोहन सिंह जी आपका मुआवजे का भुगतान हो गया है, आप खुश तो हैं।’’ ‘‘बचन सिंह जी आपकी पेंशन मिल गई है क्या।’’ मौका था सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाधान में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा का।
मुख्यमंत्री हरीश रावत एक-एक कर जहां शिकायतों पर जिलाधिकारियों व संबंधित अधिकारियों से की गई कार्यवाही की जानकारी कर रहे थे, वहीं हाथों हाथ शिकायतकर्ताओं से खुद फोन पर बात कर उनकी प्रतिक्रिया भी ले रहे थे।
समाधान पोर्टल में राज्य भर से आई शिकायतों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सभी डीएम अपने स्तर पर भी प्रत्येक 15 दिनों में समाधान से संबंधित शिकायतों की समीक्षा करें। अधिकांश मामले ऐसे हैं जो कि डीएम स्तर से ही निस्तारित हो जाने चाहिए। लोनिवि में सभी मुख्य अभियंता अभियान चलाकर मार्ग निर्माण के लिए भूमि लिए जाने से प्रभावित लोगों के प्रतिकर वितरित करें। निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों में यह स्पष्ट निर्देश कर दिए जाएं कि इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को तुरंत भर्ती कर दिया जाए। शहरों में एडीबी के तहत सीवरेज आदि कामों पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने एडीबी प्राजेक्टों पर नई व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। संबंधित डीएम को अपने जिले में एडीबी का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया जाएगा।
चम्पावत जिले के लक्ष्मी दत्त चैबे को स्वास्थ्य विभाग से उनकी सेवानिवृŸिा के बाद अवकाश नकदीकरण के एरियर का भुगतान न होने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जानबूझकर ऐसे मामलों को लटकाने वालों पर एक्शन लिया जाए। बागेश्वर के भुवन चंद्र पाण्डे ने मीटर तेज चलन की शिकायत की तो हरिश्चंद्र पाण्डे ने सड़क में आई भूमि का मुआवजा ब्याज सहित दिए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने लोनिवि को निर्देश दिए कि सड़क में आ गई भूमि के मुआवजे की राशि बैंक में रखने और जब संबंधित व्यक्ति मुआवजा लेता है तो वहां से राशि मय ब्याज दिए जाने की व्यवस्था कर दी जाए। अल्मोड़ा के हीरा सिंह ने प्राथमिक विद्यालय गौड़़ तल्ला का भवन जर्जर होने की शिकायत पर बताया गया कि इस वर्ष के जिला बजट में इसे ले लिया गया है। नैनीताल के हरीश्चंद्र ने मोटर साईकिल की नम्बर प्लेट एक वर्ष तक नहीं मिलने की शिकायत की तो मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस स्तर भी गलती हुई है उस पर कार्यवाही की जाए। ऊधमसिंहनगर की दयावती को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड न होने पर अस्पताल द्वारा भरती न किए जाने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये निर्देश दिए जा चुके हैं कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड न होने पर भी कोई भी आईडी होने पर भर्ती किया जाएगा और ईलाज उपलब्ध करवाया जाएगा। बताया गया कि अब श्रीमती दयावती को भर्ती करा दिया गया है।
रूद्रप्रयाग के मोहनसिंह ने पीएमजीएसवाई में मोटर मार्ग का प्रतिकर का भुगतान न होने की शिकयत की थी जिस पर हुई कार्यवाही के तहत उन्हें अब भुगतान कर दिया गया है। हरिद्वार के निर्मल कुमार ने शौचालयों की बुरी स्थिति होने की शिकायत की। टिहरी के बचन सिंह ने वृ़द्धावस्था पेंशन न मिलने की शिकायत की थी। अब उन्हें पेंशन भेज दी गई है। टिहरी के ही यशवंत सिंह ने आंगनबाड़ी केंद्र में पोष्टिक आहर न मिलने, देहरादून के मधुकर दिवान ने अपने स्कूल के सामने से कचरे का डिब्बा हटाए जाने, रूद्रप्रयाग के वासुदेव ने इंदिरा आवास न मिलने की बात कही। उन्हें बताया गया कि वे प्रतीक्षा सूची में 22 वें नम्बर पर हैं जबकि अभी 15 नम्बर तक का ही किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वासुदेव को सीएम कोष से 15 हजार रूपए दिए जाने के निर्देश दिए। पौड़ी के सुनील कुमार ने विकलांग पेंशन, टिहरी के पुरूषोत्तम ने राशन डीलर बदलने के लिए ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर कार्यवाही किए जाने, देहरादून के अनिल कुमार ने सीवरेज के लिए खोदी गई सडकों को ठीक करने व नालियों की सफाई करवाने संबंधी शिकायत की। इनके अतिरिक्त बहुत से अन्य लोगों की शिकायतों की भी सुनवाई की गई। कुछ मामलों को अगली बैठक में फिर से लाए जाने के निर्देश दिए गए।