चम्पावत: चिकित्सालयों के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठानों में हो रहे बच्चों के जन्म एवं बिमारियों तथा अन्य कारणों से हो रही मृत्यु का अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश जिला कार्यालय सभागार में जन्म-मृत्यु पंजीकरण समिति की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी डा.अहमद इकबाल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में हो रहे जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कर उसका ब्यौरा रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के पंजीकरणों का भी ब्यौरा पृथक-पृथक बनायें। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.रश्मि पंत ने बैठक में जिलाधिकारी को बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में जुलाई से दिसम्बर तक 820 महिला तथा 1,323 पुरूषों का जन्म पंजीकरण करने के साथ 335 महिला एवं 526 पुरूषों का मृत्यु पंजीकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में जनवरी से दिसम्बर तक 1,013 महिला एवं 1,090 पुरूषों का जन्म पंजीकरण और शहरी क्षेत्र में ही जनवरी से दिसम्बर मास तक 53 महिला एवं 134 पुरूषों का मृत्यु पंजीकरण किया गया है जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य है, इससे देश की जनसंख्या का आंकलन होने के साथ वित्तीय रूप से योजनाओं का खाका खींचा जाता है। उन्होंने कहा कि जन्म-मृत्यु का पंजीकरण सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य होने के साथ विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में भी उपयोगी और परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता ज्ञात करने एवं मृत्युदर, शिशु मृत्यु-जन्म दर का उपयोग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं के विस्तार हेतु किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मृत्यु के कारणों के आधार पर बीमारियों की प्रवृत्ति एवं क्षेत्र में विशेष में किसी बिमारी के अधिक प्रकोप के बारे में जानकारी प्राप्त कर उस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि जन्म प्रमाण-पत्र से विद्यालयों में प्रवेश, ड्राईविंग लाईसेंसे लने, पासपोर्ट बनाने, बीमा पालिसी लेने, राशनकार्ड में नाम दर्ज कराने के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में लाभ लेने में प्रयोग किया जाता है साथ ही मृत्यु प्रमाण-पत्र सम्पत्ति के उत्तराधिकारी, पेंशन एवं बीमा मामले, सम्पत्ति दावे निपटाने के साथ भूमि के हस्तान्तरण में सहायक होता है। उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण में किसी तरह की लापरवाही न करने तथा आशा, एएनएम के माध्यम से हुए पंजीकरण का पृथक-पृथक ब्यौरा रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के जन्म एवं मृत्यु का ब्यौरा आशा, एएनएमों से प्राप्त करने के साथ ग्रामीण क्षेत्र के पंजीकरण के लिए जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से भी ब्यौरा लेकर पंजिका में दर्ज करें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका, नगर परिषद में जन्म-मृत्यु का पंजीकरण अवश्यक करायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एचजी भट्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.डीएल शाह, अधिशासी अभियंता विद्युत राजेश कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.केसी ठाकुर, डा.एचएस ह्यांकी, डा.आरके जोशी, डा.मंजीत सिंह, डा.आभाष सहित अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
बीएचबीसी न्यूज एजेंसी।