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दो माह के अन्दर प्रदेश के सभी सम्प्रेषण गृहों में संवासियों के कौशल विकास प्रशिक्षण की पुख्ता व्यवस्था की जाये: रीता बहुगुणा जोशी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रदेश की दत्तक ग्रहण ईकाइयाँ गोंद देने संबंधी नियमों का अनुपालन सख्ती से सुनिश्चित करें तथा सभी नियमों को पूरा करके बच्चे को कम से कम समय में गोद देने का कार्य करें। उन्होंने कहा कम समय में परिवार में स्थापित बच्चे का विकास सहज और प्राकृतिक दिशा प्राप्त कर लेता है। उन्होंने प्रदेश के सम्प्रेषण गृहों में आवासीय संवासियों को प्रशिक्षित करने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी संप्रेषण गृहों पर दो माह के अंदर कौशल विकास प्रशिक्षण की पुख्ता व्यवस्था शीर्ष प्राथमिकता से कर दी जाये। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि महिला संवासियों के लिए उन्हें सहज ज्ञात कार्य जैसे साड़ी में फाल लगाना, पीको इत्यादि कराने के कार्य दिए जाएं जिससे संवास के दौरान ही वे आर्थिक उपार्जन के कार्याें को कर सकें।

मंत्रीगण आज योजना भवन में महिला कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक कर रही थीं। बैठक में मंत्रियों द्वारा सम्प्रेषण गृहों को स्वच्छ रखने, संवासियों को ऐसा कौशल विकास प्रशिक्षण कराने जिससे वे आत्म-निर्भर हो सकें तथा मानसिक मंदित संवासियों को सामान्य संवासियों से अलग रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का विशेष निर्देश दिया गया। बैठक में विभाग द्वारा दत्तक ग्रहण मामलों की स्थिति, आशा ज्योति केन्द्रों के लिए भूमि की उपलब्धता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं कार्यक्रम निराश्रित महिला पेंशन योजना, महिला शाक्ति केन्द्रों की स्थापना का कार्य, पालना शिशु स्वागत केन्द्र, संप्रेषण गृहों से संवासियों के स्थानान्तरण तथा रानी लम्मीबाई महिला सम्मान कोष के प्रकरणों के निस्तारण की नवीनतम स्थिति से मंत्रीगण को अवगत कराया गया।

विभाग ने दत्तक ग्रहण की बिन्दुवार रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बैठक में अवगत कराया कि प्रदेश में राजकीय विशेषश्र दत्तक ग्रहण इकाईयाँ-05 तथा स्वैच्छिक संगठन के माध्यम से संचालित इकाईयाँ-14 है, जिनमें इस समय 290 बच्चे आवासित हंै। विभाग ने अवगत कराया कि कारा की वेबसाइट पर 290 बच्चों का विवरण अपलोड किया जा चुका है। प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने शेष बच्चों का विवरण भी समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए शीघ्र अपलोड करने का निर्देश दिया। विभाग ने बताया कि पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना की प्रथम किश्त की धनराशि अब उपलब्ध हो गयी है तथा शीघ्र ही इस योजना के लाभार्थियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। बैठक में महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना पर भी चर्चा की गयी तथा प्रदेश स्तर पर जनपदों में खोले गए पालना-शिशु स्वागत केन्द्रों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण श्रीमती रेणुका कुमार, विशेष सचिव श्री राम केवल, निदेशक महिला कल्याण श्रीमती अलका जी तथा जनपदों से आये उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण इकाईयों के संचालकों ने भाग लिया।

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