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निराश हों फिर भी ना करें आत्महत्या…, ना करें आत्महत्या …….

सम्पादकीय

आत्महत्या करने का मन करे तो अच्छा साहित्य पढ़ें| “प्लीज मत करें आत्महत्या ” करना है तो नकारात्मक विचारों की हत्या करें… परिस्थितियों से घबरायें नहीं यह सख्त टीचर है आपको सही मार्गदर्शन देकर जायेगीं|हर किसी ईमानदार मेहनती और अच्छे इंसान के जीवन में एक कठिन वक्त जरूर आता है और उस वक्त में ऐसा लगता है कि चारों ओर अँधेरा है और दूर -दूर तक कोई नही है| ऐसा लगता है कि अपने भी बस हमसे स्वार्थवश ही जुड़े हैं| माता पिता भाई रिश्तेदार सिर्फ और सिर्फ तरक्की ही देखना चाहते हैं| वह हमेसा तुलना करते हैं कि उसकी सरकारी नौकरी लग गयी वो सैटल हो गया हमारी औलाद कुछ न बन सकी हमारी परवरिश में खौट रही| पता नहीं क्या पूर्वजन्म के बुरे कर्म किये होगें| लड़को से अक्सर कहा जाता कि दिन भर नेट पर लगे हो जॉब का कुछ सोचा है वो देखो अमेरिका बस गया तुम्हारा तो कुछ नही हो सकता| रिश्तेदार की फ्री की एडवाइश शादी कर दो शायद कमाने लगे| शादी के बाद बोलते कि क्या हमारे दम पर की थी, कब कमाओगे ? बहू के पाँव भी शुभ नही रे! बाबा| गल्ती खुद की बेटे की पर भड़ास बहु पर क्यों ? दोषी बहू क्यों ? हे! भगवान फिर से उठा लिया गिटार इस गाने बजाने से जिंदगी नही कटेगी कमाओ सरकारी नौकरी के लिये ट्राई करो| अब अगर ससुराल से पीड़ित बेटी घर आ जाये तो कुछ दिन बाद मां बाप कहते हैं कि हमारी बेटी की किस्मत ही खराब है| समाज क्या कहेगा ? अब पता नही क्या होगा ? नही पुलिस के लफड़े में नहीं पड़ना बिना मतलब बदनामी| चुप बैठ कर सरकारी नौकरी की तैयारी करो| हद हो गयी….! सरकारी नौकरी के अलावा क्या लाइफ ही बेकार है| लड़का भी रोज की किच किच से मरना चाहता | लड़की भी सोचती मर ही जाऊँ| अब माँ पापा पर बोझ क्यूँ बनूं| जिस समय बच्चों को माता पिता के प्रेम और साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तब माता पिता बच्चों को वो प्यार और साथ क्यों नहीं देते और बदनसीब कह कर क्यों कोसने लगते हैं ? आखिर! माँ बाप बच्चों का सपोर्ट कब करेगें ? कब बच्चों के टैलेन्ट को सम्मान देगें ? अरे! ससुराल में अत्याचार हुआ तो तुरन्त रिपोर्ट दर्ज करवाओ उनको सजा हो |गलत बेटी के साथ किया गया इसमें बेटी की क्या गलती ? बेटी क्यों बदनसीब ? बेटी भगवान की सबसे प्यारी कृति है वह कभी बदनसीब नहीं हो सकती| आप बेटी को प्यार दो और समझाओ कि वह नहीं हारी बुरा वक्त जल्द हारेगा| उससे कहो कि यह उसकी जिंदगी है वह अपना निर्णय ले और लाईफ में आगें बढ़े| मातापिता को चाहिये कि बच्ची को आत्मनिर्भर बनने में बैक बोन की तरह खड़े रहें| माता पिता जिसदिन अपने बच्चों के साथ खड़े हो जायेगें और उनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुये उन्हें जीवनपथ पर आगें बढ़ने के लिये प्रेरित करने लगेगें और बिना किसी रिश्तेदार पड़ोसी के बच्चे से तुलना किये बगैर बच्चों का सपोर्ट करेगें तो उस दिन सकारात्मक क्रांति होगी और कोई भी बच्चा फ्रस्टेशन से आत्महत्या के लिये कभी भी बाध्य नही हो सकेगा| हमारा देश के प्रत्येक माता-पिता से निवेदन है कि प्लीज तुलना मत कीजिये बच्चे को अतुलनीय बनाने में उसका सपोर्ट कीजिये| बच्चे को आपका प्यार, साथ, समय और सपोर्ट की बहुत आवश्यकता है| ये उसका हक है आप उसे दीजिये| जिस प्रकार एक फिल्म में एक सा ही रोल सभी को नहीं मिलता| उसी प्रकार परमात्मा की सृस्टि में सभी किसी विशेष कार्यहेतु ही भेजे गये हैं और दोस्तों! प्लीज अगर कभी भी मन में निराशा आये तो अच्छा साहित्य पढ़ें और मरने की न सोचें बल्कि अपने टैलेन्ट रूचि को पहिचाने और एक बडा वक्त उस टैलेन्ट को निखारने में लगा दें| एक दिन आपका भी आयेगा और आता ही है| प्यार में धोका मिला लड़की ने छोड़ा लड़के ने छोड़ा इसलिये दुनियां छोड़ने चले थे| तुम भी साहस करो और यादों को छोड़ो और बढ़ो जिंदगी में आगें आज जिस मोती के लिये रोते हो मरने की प्लॉनिंग करते हो क्या पता मोती की जगह तुम्हारे नसीब में परमात्मा ने हीरा लिखा हो तुम प्लेटिनम हो तुम्हें हीरा सूट करता है| अपने आत्म की सुनो और बढ़ोे आगें की सोचो निश्चित अच्छा ही होगा| जो सिर्फ तुम्हारा है वो तुम्हारे पास होगा और है| जो तुम्हारा था ही नही उसके लिये अपना समय बर्बाद मत करो| बुरा वक्त हमेसा अच्छे इंसान के जीवन में ही आता है उसे और भी अच्छा, सुन्दर, उम्दा बनाने के लिये| निराश हतास मत हो जिस कार्य में मन लगे वही कार्य और भी अच्छे तरीके से करने का प्रयत्न करो तुम्हारी सफलता निश्चित है| प्रकाश प्रतिभा और सुगंध को क्या कोई रोक पाया है| खुद पर विश्वास रखो और अपने हृदय से बोलो हाँ मैं कर सकता हूँ| जीत तुम्हारी होगी| जीवन को यस कहो , हाँ कहो| सच्चा प्रयास विफल नही जाता और प्रतिभा कभी धोका नही देती| आपका टैलेन्ट ही आपका भाग्य है| दुनिया की तरफ मत देखो यह आज तुम पर हँसेगी अगर मर गये तो पागल कहेगी और यदि जिन्दा रहे और कामयाब हुये तो यही दुनिया कल सैल्यूट भी करेगी| इसलिये उठो और स्वंय को स्वीकारो क्योंकि आप जो भी हो ईश्वर के सबसे प्रिय और अद्धितीय संतान हो और ईश्वर को कभी निराश मत करना| जीवन अमूल्य है कभी इसे नष्ट करने का प्रयास मत करना| इंसान हो इंसान बनो नित नवीन संभावनायें खोजो| इंसान वही जो जीवन का सद्प्रयोग करे| दोस्तों, जाना सभी को है पर जी कर जाओ लोगों के चेहरों पर मुस्कॉन बिखेर कर जाओ|

akanksha

आकांक्षा सक्सेना

ब्लॉगर समाज और हम

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