नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अक्टूबर में रिटायर हो रहे हैं। उनका बाद सुप्रीम कोर्ट के अगले प्रधान न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई का नाम सबसे आगे चल रहा है। सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि, यह परंपरा रही है कि चीफ जस्टिस सीनियर मोस्ट जज को सीजेआई के लिए चयनित किया जाता है और सरकार परंपरा के मुताबिक फैसला लेती है। सरकार की नीयत पर शक करने की कोई वजह नहीं है।
मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी का नाम भेजेंगे
कानून मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, पहले मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी का नाम तो भेजें। मुझसे यह पूछना कि जस्टिस गोगोई अगले सीजेआई होगे तो यह काल्पनिक है। मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी का नाम भेजेंगे। पहले नाम तो आने दो इसके बाद तय करेंगे कि अगला प्रधान न्यायाधीश कौन होगा? इससे पहले सरकार की नीयत पर शक करने की कोई वजह नहीं है।
पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने मीडिया के सामने आए
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न्यायपालिक को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था। इन चार जजों में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चारों जजों ने एक चिट्ठी जारी कर सीजेआई की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
चार साल के कार्यकाल के दौरान रिकॉर्ड संख्या में जजों की नियुक्ति
वहीं मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, केंद्र की NDA सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान रिकॉर्ड संख्या में जजों की नियुक्ति की गई। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2015 से मई 2018 के बीच सुप्रीम कोर्ट में 18 जजों की नियुक्ति की। वहीं, 2014 से लेकर अब तक हाई कोर्ट में 331 जजों की नियुक्ति हुई है और 313 अडिशनल जजों को हाई कोर्ट में स्थाई किया गया है। OneIndia