लखनऊ: केंद्र सरकार ने हाल ही में जोर-शोर से आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की थी जिसमें गरीब परिवार का 5 लाख रुपये का इलाज किया जाता है. लखनऊ में कार्ड होने के बाद भी शाहजहांपुर के माहोदुर्ग निवासी कमलेश कुमार को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान नहीं की गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और स्टॉफ ने आयुष्मान कार्ड को स्वीकार करने से इनकार दिया. इतना ही नहीं जब शाहजहांपुर विधायक रोशन लाल वर्मा जब ट्रॉमा सेंटर पहुंचे तो डॉक्टर और अन्य स्टाफ उनसे भी भिड़ गए. उधर, मेडिकल इंचार्ज ने डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
शाहजहांपुर विधायक रोशन लाल के मुताबिक, जब उन्होंने अपना परिचय दिया तो केजीएमयू स्टाफ ने माफी मांगी और मरीज को गांधी वार्ड में शिफ्ट किया लेकिन अभी नि:शुल्क इलाज का इंतजार है. शाहजहांपुर के माहोदुर्ग गांव में रहने वाले कमलेश कुमार वर्मा (28) बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी है. बीते दिनों वह मरम्मत कार्य के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ा था, अचानक सप्लाई चालू होने से उसकी चपेट में आ गया और झुलसकर गिर गया. परिजन आनन-फानन में उसे लेकर शाहजहांपुर के जिला अस्पताल पहुंचे जहां से डॉक्टरों ने केजीएमयू रेफर कर दिया गया.
मरीज के चाचा हरीशचंद्र ने आरोप लगाया कि मरीज के जांच के लिए उनसे पैसे जमा कराए गए और दवाएं बाहर से लाने के लिए कहा गया. उधर, केजीएमयू के मीडिया इंचार्ज प्रो. संतोष कुमार ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि हम उन पहले अस्पतालों में से एक हैं जिन्होंने आयुष्मान भारत योजना को लागू किया था. डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.