देहरादून: तय समय सीमा में नागरिक सेवाएं देने के लिए जन सेवा पोर्टल विकसित किया जाएगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तरह सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम में सेवा का अधिकार आयोग और सेवा देने वाले विभागों को कॉमन प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। जन सेवा पोर्टल को आयोग विभागीय सचिव और नागरिक लॉग इन कर पाएंगे। कर्नाटक के सकाला और उड़ीसा राज्य की तरह एनआईसी एक सॉफ्टवेयर बनाएगा। सभी अधिसूचित नागरिक सेवाएं आनलाइन दी जाएंगी। इस बारे में गुरुवार को सचिवालय में मुख्य आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग आलोक कुमार जैन और मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि राज्य में उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत अब तक 17 विभागों की कुल 150 सेवाए अधिसूचित की गई है। नागरिकों की सुविधा के लिए पावती पत्र को एकरूपता और ट्रेकिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा। इसके साथ ही नागरिक अधिकार पत्र (सिटीजन चार्टर) समयबद्ध रुप से तैयार कर विभिन्न विभागों द्वारा इसे अपनी विभागीय पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीकृत मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित होने से एसएमएस एलर्ट जारी हो सकेंगे। निस्तारण का विश्लेषण प्रक्रिया में सुधार हो सकेगा। नागरिक अपने आवेदन की ट्रैंकिंग कर सकेंगे। बैठक में चर्चा हुई कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया जाए। इससे मॉनिटरिंग में सहूलियत होगी। इसके अलावा कार्यकारी समिति का भी गठन किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव उर्जा उमाकांत पंवार, प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पवार, प्रमुख सचिव सिचाई आनंदवर्धन, सचिव लोनिवि डीएस गर्ब्याल, सचिव सुराज, भ्रष्टाचार एवं उन्मूलन अरविंद सिंह हंयाकी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे