देहरादून: प्रदेश के चिकित्सा सेवायें, परिवार कल्याण आयुष, यूनानी शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी की अध्यक्षता मंे उनके विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में दून मेडिकल काॅलेज के बेहतर संचालन विषय को लेकर उच्चाधिकारियों की बैठक हुई।
श्री नेगी ने निर्देश दिये कि दून-मेडिकल काॅलेज में बीमारों के बेहतर एवं त्वरित ईलाज दिलाने के लिए मेडिकल काॅलेज के अधीक्षक डाॅ0 के0के0टम्टा के सहयोग के लिए महिला चिकित्सालय की सीएमएस डाॅ0 मिनाक्षी जोशी को उप अधीक्षक बनाया गया है। साथ ही इन दोनों अधिकारियों को 3-3 लाख रूपये तक व्यय करने के वित्तीय अधिकार दिये गये हैं। इससे पूर्व इन अधिकारियों के पास कोई भी वित्तीय अधिकार नहीं थे। इससे अधिक व्यय खर्च करने के लिए अधीक्षक द्वारा प्रधानाचार्य दून-मेडिकल काॅलेज की सहमति ली जायेगी।
अस्पताल में बीमारों को दवाईयों की उपलब्धता के लिए पूर्ववत समिति की व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है। जिसमें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चिकित्सक प्रबन्धक कमेटी को स्वीकृतियाॅ जारी करने के अधिकार थे। समिति में पूर्व की भाॅति सांसद एवं विधायकों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। ज्ञातव्य है कि 21 जनवरी, 2015 में मेडिकल काॅलेज दून के अस्तित्व में आने से प्रबन्ध समिति की व्यवस्था स्वतः समाप्त हो गई थी। जिसके कारण अस्पताल में दवाईयों की उपलब्धता, उपकरणों के रखरखाव आदि में निरन्तर शिकायतें आती रहती थी। इस नई प्रबन्धन समिति में प्राचार्य दून-मेडिकल काॅलेज को उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
द्वय मंत्रियों द्वारा चिकित्सा शिक्षा सचिव डी0संेथिल पांडियन को अधीक्षक तथा उप-अधीक्षक को वित्तीय अधिकार सम्बन्धित आदेश देने तथा चिकित्सा प्रबन्धन समिति व्यवस्था पुनः शुरू करने के आदेश आज ही जारी करने के निर्देश दिये गये। चिकित्सा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि दून-मेडिकल काॅलेज के संचालन में किसी भी अधिकारी को कोई समस्या आती है तो वह सीधे सचिव चिकित्सा अथवा चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री से सीधे सम्पर्क स्थापित कर अपनी बात कह सकते हैं।
बैठक में धन की कमी न आड़े आये इसको लेकर यह निर्णय लिया गया की पूर्व की भांति यूजर्स चार्जेज का 50 प्रतिशत अंशदान सीधे अस्पताल के प्रबन्धन समिति के संस्तुति पर खर्च होगा तथा यह भी निर्देश दिये गये कि दून-मेडिकल काॅलेज में विशेषज्ञ एवं सुपर विशेषज्ञ की उपलब्धता हो जाने के कारण अब कोई भी गम्भीर बीमार मरीज को अन्यत्र स्थानान्तरित न किया जाय। बैठक में जन-औषधि केन्द्र तथा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
चिकित्सा मंत्री श्री नेगी ने निर्देश दिये कि इस महत्वपूर्ण निर्णय के द्वारा दून-मेडिकल काॅलेज संचालन में कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए।
बैठक में पर्यटन एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री दिनेश धनै, सचिव स्वास्थ्य डाॅ0 भूपेन्द्र कौर औलख, सचिव चिकित्सा शिक्षा डी0सेंथिल पांडियन, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डाॅ0 एस0सी0पन्त, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून-मेडिकल काॅलेज डाॅ0 भारती, अधीक्षक दून-मेडिकल काॅलेज डाॅ0 के0के0टम्टा सीएमएस दून महिला मिनाक्षी जोशी एवं सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधीकारी मौजूद थे।