25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्टर बने

उत्तराखंड

देहरादून: देश के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक ,  एआईजी हॉस्पिटल्स, ने घोषणा की है कि इसके चेयरमैन डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी ने द अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (एएसजीई) से प्रसिद्ध रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्राप्त किया है। एएसजीई दरअसल जीआई एंडोस्कोपी की दुनिया में शीर्ष निकायों में से एक है।  एक वर्चुअल समारोह में एएसजीई  के वार्षिक क्रिस्टल अवार्ड्स में डॉ. रेड्डी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। रुडोल्फ वी. शिंडलर अवार्ड दरअसल प्रतिष्ठित क्रिस्टल अवार्ड्स में सर्वोच्च श्रेणी है, जिसका नाम डॉ. शिंडलर के नाम पर रखा गया है और जिन्हें ‘गैस्ट्रोस्कोपी का जनक’ माना जाता है। डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए एएसजीई से यह उल्लेखनीय मान्यता प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्टर बन गए हैं।

डॉ. क्लाउस मर्जनर, प्रेसिडेंट, एएसजीई ने डॉ. रेड्डी को रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, ‘‘एएसजीई का सर्वोच्च सम्मान उस सदस्य को दिया जाता है, जिन्होंने एंडोस्कोपिक अनुसंधान, शिक्षण में कई उपलब्धियां हासिल कर रखी हैं, और जीआई एंडोस्कोपी के क्षेत्र में जिनकी सेवा सही मायनों में डॉ. शिंडलर के मानकों और परंपराओं की एक उत्कृष्ट मिसाल है।’’

डॉ मर्जनर ने यह भी कहा, ‘‘डॉ. रेड्डी भारत में एंडोस्कोपी को बढ़ावा देने वाले पहले विशेषज्ञों में से एक हैं और उन्होंने दुनिया भर में अनगिनत एंडोस्कोपिस्टों को शिक्षित करने के उल्लेखनीय दायित्व की अगुवाई की है। ’’

इस अवसर पर डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, चेयरमैन, एआईजी हॉस्पिटल्स ने कहा, ‘‘एएसजीई के एक अंतर्राष्ट्रीय सदस्य के रूप में एएसजीई के रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए अत्यंत विनम्र बात है।  यह दुनिया भर, यहां तक कि विकासशील देशों के सभी एंडोस्कोपिस्टों के लिए भी एक उत्कृष्ट प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से किए जाने वाले कार्यों को इस सोसायटी द्वारा अवश्य ही सराहा जाता है, चाहे वे कहीं भी अपनी सेवाएं दे रहे हों। यह सम्मान प्राप्त करने के साथ ही मैं बेहतरीन एंडोस्कोपी की शिक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए स्वयं को फिर से समर्पित करता हूं। एंडोस्कोपी के क्षेत्र में मेरा योगदान एवं मेरी कामयाबी दरअसल मेरी पत्नी कैरोल और मेरे परिवार से मिले व्यापक सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाती। मैं बेहतरीन एवं किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एंडोस्कोपी में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के अपने विजन को साझा करने एवं आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए एआईजी हॉस्पिटल्स, भारत में कार्यरत अपने सहयोगियों और कर्मचारियों का गहरा आभार व्यक्त करता हूं।’’

इस पुरस्कार से नवाजे जाने से पहले डॉ. रेड्डी ने एक और विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। दरअसल, डॉ. रेड्डी को हाल ही में प्रतिष्ठित अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (एएएएस) के अनेक नवनिर्वाचित फेलो की सूची में शामिल किया गया है। डॉ. रेड्डी पिछले 100 वर्षों में एएएएस की फेलोशिप प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्टर हैं।  एएएएस की स्थापना वर्ष 1848 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के उद्भव के रूप में की गई थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा बहु-विषयक वैज्ञानिक सोसाइटी है और अपनी अनेक विज्ञान पत्रिकाओं के माध्यम से अत्याधुनिक शोध का एक प्रमुख प्रकाशक है। एएएएस ने डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी को आधिकारिक प्रमाण पत्र के साथ सुनहरे एवं नीले रंगों वाले प्रतिष्ठित रोसेट पिन प्रस्तुत किए, जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रतीक हैं। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, विशेषकर चिकित्सीय पैनक्रिएटिक बिलीएरी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में हुई प्रगति में अग्रणी कार्य करने एवं ट्रांसगैस्ट्रिक एंडोस्कोपिक सर्जरी में नवाचार करनेय और अंतरराष्ट्रीय गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सोसायटी को उल्लेखनीय सेवाएं देने के लिए डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी का चयन चिकित्सा विज्ञान की श्रेणी के तहत किया गया था। यह उपाधि दरअसल अग्रणी अनुसंधान, किसी दिए गए क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने, शिक्षण एवं मार्गदर्शन, सहयोग को बढ़ावा देने और लोगों की विज्ञान संबंधी समझ को आगे बढ़ाने सहित एसटीईएम विषयों में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देती है।

डॉ रेड्डी के अनुसंधान का मुख्य क्षेत्र जी.आई. एंडोस्कोपी में,  विशेषकर चिकित्सीय पैनक्रिएटिक बिलीएरी एंडोस्कोपी में एवं ट्रांसगैस्ट्रिक एंडोस्कोपिक सर्जरी में नवाचार करने में रहा है।  जी.आई. एंडोस्कोपी में एक विशेषज्ञ के रूप में अब तक उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समकक्ष समीक्षा पत्रिकाओं में 670 से भी अधिक शोध-पत्र प्रकाशित करके अपने गहन ज्ञान को साझा किया है, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की 20 अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यपुस्तकों में अनेक अध्यायों का योगदान दिया है, और  8 जी.आई. एंडोस्कोपी पाठ्य पुस्तकों को संपादित किया है। वह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी, डाइजेस्टिव एंडोस्कोपी, वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, वर्ल्ड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी न्यूज और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी टुडे, पेटेंट्स ऑन मेडिकल इमेजिंग और गैस्ट्रो-हेप डॉट कॉम के संपादकीय बोर्ड के एक हिस्से के रूप में चिकित्सा क्षेत्र में आगे और भी योगदान दे रहे हैं। वह लैंसेट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी, वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी, और इंडियन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सहित अनेक प्रसिद्ध पत्रिकाओं के प्रख्यात समकक्ष समीक्षकों में से एक हैं।

डॉ रेड्डी अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त करने वाले सर्वाधिक मान्यता प्राप्त मेडिकल प्रोफेशनलों में से एक रहे हैं। भारत सरकार की ओर से प्राप्त पद्म भूषण एवं पद्म श्री पुरस्कार, भारतीय चिकित्सा परिषद की ओर से बी सी रॉय पुरस्कार, एएसजीई की ओर से मास्टर एंडोस्कोपिस्ट पुरस्कार,  वर्ष 2011 में एएसजीई इंटरनेशनल लीडरशिप अवार्ड और फेलो ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन का सर्वोच्च अवार्ड मास्टर और एशिया एंडोस्कोपी मास्टर्स फोरम द्वारा दिया गया एंडोस्कोपी ग्रैंड मास्टर इनमें से कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण पुरस्कार हैं। डॉ रेड्डी का चयन अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी के लिए एक मानद सदस्य, नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली के फेलो, फिलीपींस सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के फेलो, आयरलैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस के फेलो के रूप में भी किया गया है। हाल ही में वर्ष 2020 में उन्हें अमेरिकन गैस्ट्रोएंटरोलॉजिकल एसोसिएशन (एफएजीए) के फेलो और जापान गैस्ट्रोएंटरोलॉजिकल एंडोस्कोपी सोसायटी (जेजीईएस) के फेलो से सम्मानित किया गया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More