केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज ‘विश्व टीकाकरण एवं लॉजिस्टिक सम्मेलन’ के अंतर्गत ‘टीका उत्पादन और एशिया में वितरण’ विषय पर एक वर्चुअल संगोष्ठी को संबोधित किया।
वर्चुअल बैठक में दुनियाभर के तकरीबन 1,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और विश्व आपूर्ति श्रृंखला के समक्ष मौजूद बाधाओं को दूर करने पर सक्रियता से चर्चा की गई। यह ऐसा समय है जब दुनिया में जीवन रक्षक टीकों की आपूर्ति के लिए इतिहास का सबसे बड़ा और जटिल अभियान चलाया जा रहा है।
संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागी यह जानने को उत्साहित थे कि कोविड-19 टीका के उत्पादन और समय पर इसके वितरण को लेकर भारत सरकार स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर किस तरह से काम कर रही है।
डॉ. हर्षवर्धन ने भारत के कोविड टीकों के प्रबंधन कार्यक्रम, देश में विकसित दोनों कोविड टीकों- कोविशील्ड और को-वैक्सीन तथा टीका प्राप्त करने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के रूप में प्राथमिकता वाले लाभार्थियों और 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को टीका लगाए जाने की व्यवस्था के बारे में इस अवसर पर जानकारी दी।
सभी को यह याद दिलाते हुए दुनिया का 60% टीका भारत में निर्मित होता है, उन्होंने भारत में समग्र टीकाकरण कार्यक्रम के बुनियादी ढांचे पर विस्तार से चर्चा की, जिसने कोविड-19 टीकाकरण अभियान को जबरदस्त सफलता दिलाई। उन्होंने बताया कि देश में 61 मिलियन टीके अब तक लोगों को लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह मानना है कि विज्ञान का लाभ पूरे विश्व को मिलना चाहिए। अब तक 84 देशों को विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत 64 मिलियन टीके का निर्यात किया जा चुका है।
टीके को विकसित करने से लेकर उसके उत्पादन, एक स्थान से दूसरे स्थान तक उसे पहुंचाने, भंडारण और लाभार्थियों को दिए जाने तक सभी स्तरों पर सरकार द्वारा सक्रियता से सहयोग किया जा रहा है और विशेषज्ञों का एक समूह एनईजीवीएसी गठित किया गया, जो सभी पहलुओं पर बारीकी से योजना तैयार कर रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लगभग आधा दर्जन टीके क्लिनिकल ट्रायल के चरण में हैं और तकरीबन एक दर्जन टीके प्री-क्लिनिकल ट्रायल के चरण में है। समूह द्वारा इन सभी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि टीके के अनुसंधान और विकास कार्यक्रम के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर धन आवंटित किए हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने वर्तमान परिस्थितियों में विश्व में टीके की आपूर्ति के लिए विश्व शक्तियों के एक साथ आने संबंधी एक प्रश्न का उत्तर भी दिया। सहयोग के लिए शुरू की गई इस पहल की सराहना करते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि होप कंसोर्सियम की पहल स्वागत योग्य कदम है। यह भविष्य में टीका आपूर्ति के नए उचित प्रयास के लिए योजना तय करने में मददगार होगी। यह डब्ल्यूएचओ के उन प्रयासों को सुदृढ़ भी करेगी जिसके अंतर्गत डब्ल्यूएचओ ने किसी भी निर्माता के टीके को मान्यता के लिए एक मंच की व्यवस्था की है और पूरी दुनिया में सभी टीका उत्पादन कंपनियां एकरूपता में कार्य करेंगी और सभी पक्ष टीके के न्याय संगत वितरण के लिए प्रतिबद्ध होंगे। हमने एक दूसरे के अनुभवों और विभिन्न दिशा-निर्देशों से बहुत कुछ सीखा है। ऐसे प्रयासों को और बड़े पैमाने पर ले जाने की व्यापक आवश्यकता इस समय है। हमें तब तक लगातार आत्म मंथन और समीक्षा करते रहना चाहिए जब तक कि हर एक व्यक्ति का टीकाकरण ना हो जाए। उन्होंने एक कहावत भी कही “कोई भी सुरक्षित नहीं है, जब तक कि हर एक सुरक्षित ना हो जाए।“
भारत में टीकाकरण कार्यक्रम आरंभ किए जाने के समय बड़ी चुनौतियां का सामना करना पड़ा था। इन चुनौतियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा भारत की अपनी खुद की जनसंख्या 1.35 बिलियन है। साथ ही भारत की विविधता बहुत व्यापक है और यही दो मुख्य एवं बड़ी चुनौतियां हैं। हमने इन चुनौतियों को स्वीकार किया और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि हमने पिछले वर्ष 17 जनवरी को कोविड-19 के प्रसार की आशंकाओं के मद्देनजर परामर्श जारी किया था और आज हम इस महामारी के बीच में खड़े हैं। हमने जांच क्षमता बढ़ाई, वेंटिलेटर उत्पादन बढ़ाए, पहचान और निगरानी तथा क्वॉरंटाइन सेंटर पर जोर दिया और कोविड से बचाव के सबसे प्रमुख हथियार उपयुक्त बर्ताव पर जोर दिया गया जिसका अनुपालन सुनिश्चित हुआ। टीका आने के बाद हमने स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका देने का फैसला किया जो किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। साथ ही हमने 60 वर्ष से अधिक उम्र के हर एक व्यक्ति को टीका देने का कार्यक्रम बनाया। उन्होंने कहा कि हमने देशभर में 50,000 टीकाकरण केंद्र संचालित करने और 7,00,000 से अधिक टीका लगाने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई और उसे पूरा किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन के आखिर में होप कंसोर्टीयम जैसे गठजोड़ की आवश्यकता की सराहना की और कहा कि इससे कोविड टीकों के प्रभावी वितरण की आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम का संचालन जाने-माने समाचार प्रस्तोता लॉरा बकवेल ने किया। वक्ताओं के रूप में हेलमैन वर्ल्डवाइड लॉजिस्टिक्स के क्षेत्रीय सीईओ माधव कुरूप और अंतर्राष्ट्रीय एस ओ एस के समूह चिकित्सा निदेशक और संस्थापक डॉ. पास्कल रे हार्म भी सम्मिलित हुए।