केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देशभर में दो जनवरी, 2021 (शनिवार) को कोविड-19 टीकाकरण ट्रायल रन के लिए सभा स्थलों पर की गई तैयारियों की समीक्षा को लेकर आज एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंत्री को उन विभिन्न सुधारों के बारे में बताया, जो शनिवार के देशव्यापी ड्राई रन को किसी भी तरह की गड़बड़ी से मुक्त बनाने के लिए उठाए गए हैं। उदाहरण के लिए, टेलिफोन संचालकों की संख्या में वृद्धि की गई है, जो जमीन पर ड्राई रन का संचालन करने वाली टीमों के सवालों के हरसभंव जवाब देते हैं, सभा स्थलों के भौतिक निरीक्षण के लिए प्रखंड स्तर पर कार्य बल का गठन किया गया है और सभी कर्मियों को अन्य मुद्दों के बीच आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) के प्रसार के उद्देश्य को लेकर भी अवगत कराया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की अपील की कि टीकाकरण स्थल और प्रभारी अधिकारी विस्तृत चेकलिस्ट का पालन करें। इसके अलावा टीकाकरण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भी पालन किया जाए। ड्राई रन के संचालन में मार्गनिर्देशन के लिए एसओपी को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ भी साझा किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ड्राई रन को एक उदाहरण के रूप में स्थापित करने के लिए प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है, जिससे बाद में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान को सक्षम किया जा सकेगा।
उन्होंने इस आयोजन को चुनावों में शामिल जन भागीदारी के बराबर महत्व दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने आगे कहा, ‘आइए हम इसके सूक्ष्म विवरण पर ध्यान देने के साथ एक वास्तविक अभ्यास के रूप में इसे लागू करने का प्रयास करें। आपसी समझ बनाने के लिए सही समन्वय एक लंबा रास्ता तय करने वाला होगा, जिससे आगामी टीकाकरण अभियान बिना किसी गड़बड़ी के आगे बढ़ सके।’
दिल्ली में 1994 के पल्स पोलियो अभियान का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि चूंकि टीकाकरण का काम अभिन्न रूप से लोगों की आपसी सहभागिता पर निर्भर है, इसलिए संबंधित हितधारकों, एनजीओ, नागरिक समाज संगठन (सीएसओ) और अन्य को एक साथ आने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने सभा स्थलों, कोल्ड चेन प्वाइंट्स और टीके के परिवहन के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली के अधिकारियों से भी बात की। इन अधिकारियों में सचिव (स्वास्थ्य) श्री अमित सिंगला के साथ शहादरा, केंद्रीय दिल्ली और दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट और जिला प्रतिरक्षा अधिकारी शामिल थे। इन जिलों में दिल्ली के तीन स्थल स्थित हैं। ये तीन स्थल हैं- गुरु तेग बहादुर अस्पताल (शहादरा), अर्बन प्राइमरी हेल्थ केयर (दरियागंज) और वेंकटेश्वर अस्पताल (द्वारका)।
इन अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के लिए गठित टीम को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा कमियों की पहचान करने और इसे वापस रिपोर्ट करने के लिए वे स्वयं इस प्रक्रिया की सभी पहलुओं की निगरानी करेंगे। वहीं, ड्राई रन के लिए की गई तैयारियों को लेकर अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री की प्रशंसा की। इन तैयारियों में सभा स्थल का निर्माण, विवरण का जमा करना और अपडेट करने की प्रक्रिया, इन्हें को-विन एप्लीकेशन पर अपलोड करना, टीकाकरण में शामिल कर्मियों का प्रशिक्षण, टीकाकरण (एईएफआई) के बाद किसी प्रतिकूल घटना की तैयारी, कोल्ड चेन मैनेजमेंट, सभा स्थलों और टीका भंडारण स्थलों की सुरक्षा आदि शामिल हैं।
उन्होंने मॉक ड्रिल को लेकर अपनी तैयारियों पर विश्वास व्यक्त किया और केंद्रीय मंत्री को यह आश्वासन दिया कि वे चिह्नित लाभार्थियों के टीकाकरण के वास्तविक अभ्यास को लेकर पूरी तरह तैयार हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने अधिकारियों को उन दो शीर्ष टीका उम्मीदवारों की स्थिति के बारे में भी बताया, जिनके विवरणों पर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा करीब से नजर रखी जा रही है। उन्होंने अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की और उन कोरोना योद्धाओं के लिए अपनी संवेदना व्यक्त की जिन्होंने दूसरों की जिंदगी बचाने की कोशिश में अपने जीवन का बलिदान कर दिया।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अपर सचिव और प्रबंध निदेशक श्रीमती वंदना गुरनानी, अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. मनोहर अगनानी, संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।