नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत के साथ आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सामाजिक संगठनों और एनजीओ दर्पण पर पंजीकृत एनजीओ के साथ संवाद किया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने समाज के विभिन्न तबकों को खाना उपलब्ध कराने और अन्य जरूरतें पूरी करने के लिए निःस्वार्थ भाव से किए गए कार्यों के लिए 92,000 एनजीओ को प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से आभार प्रकट किया। उन्होंने कोविड-19 के प्रबंधन में अहमियत को देखते हुए इन संगठनों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के इस तरह के कार्य दूसरे लोगों को भी आगे आने और योगदान करने के लिए प्रेरित करते हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने इन भागीदारों को कोविड-19 संकट से निपटने में क्रमवार किए गए प्रयासों के बारे में संक्षिप्त में बताया। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 से उबरने में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पड़े रणनीति तैयार करने वाले देशों में से एक रहा। भारत सरकार ने ऐहतियातन और सक्रिय रूप से कदम उठाए, साथ ही परिस्थियों के हिसाब से त्वरित प्रतिक्रिया दी।
डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रधानमंत्री और विशेषकर कोविड-19 की रोकथाम के लिए बनाए गए मंत्रियों के समूह के मार्गदर्शन में विभिन्न मंत्रालयों द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। इन कदमों में राज्यों के लिए विस्तृत परामर्श, स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे में विस्तार और सुरक्षात्मक गियर का प्रावधान, देश में प्रवेश के सभी बिंदुओं पर सभी यात्रियों की जांच, सामुदायिक निगरानी, व्यापक संपर्क निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया दल आदि शामिल हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई समस्याओं को दूर करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप के साथ ही वंचित तबकों के लिए आर्थिक पैकेज- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की पेशकश जैसे प्रमुख कदमों का भी उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा हाल में दिशानिर्देश जारी किए जाने के साथ प्रवासी मजदूरों की समस्या कम हो गई है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने रोकथाम के प्रयासों के तहत जनता कर्फ्यू के माध्यम से लोगों के मन को लॉकडाउन के लिए तैयार करके और फिर परिस्थितियों के आधार पर क्रमिक प्रतिक्रिया के रूप में लॉकडाउन का ऐलान करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “देश में मामले दोगुने होने की दर में नियमित रूप से सुधार दिख रहा है और 3 दिन की अवधि में यह 12.5 दिन, 7 दिन की अवधि में यह 11 दिन और 14 दिन की अवधि में यह 9.9 दिन है। इन संकेतों को देश में क्लस्टर प्रबंधन और रोकथाम की रणनीतियों के साथ ही लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव के रूप मे लिया जा सकता है।”
डॉ. हर्ष वर्धन ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को हो रही समस्याओं के समाधान में सहायता के लिए विभिन्न एनजीओ द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने इन प्रयासों में सरकार और गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों के बीच तालमेल और उत्साह की सराहना भी की। उन्होंने कोविड-19 के दौरान सामने आए प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें एनजीओ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही थी। इनमें कोविड-19 मरीजों के साथ दुर्व्यवहार, कोविड-19 के प्रबंधन से जुड़े स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, बहिष्कार और उत्पीड़न शामिल हैं। साथ ही इसमें घर लौटने वाले वाले प्रवासी मजदूरों को होने वाली संभावित समस्याएं भी शामिल थीं। उन्होंने क्षेत्र में कार्य के माध्यम से इस कलंक से लड़ने में एजीओ की गतिशील भूमिका को रेखांकित किया।
इसके बाद सुचारू कामकाज में सहायता के लिए नीति आयोग को धन्यवाद दिया गया, वहीं विभिन्न एनजीओ ने लॉकडाउन के दौरान एनजीओ कर्मचारियों को हो रहीं दवाइयों की सीमित उपलब्धता, विशेष रूप से बुजुर्गों की देखभाल में सेवाओं की कमी, महिलाओं की होने वाली समस्याओं, आने-जाने में होने वाली दिक्कतों, कुपोषण एवं खाद्य सुरक्षा, आजीविका और प्रवासियों के साथ जुड़ी पात्रता जैसी समस्याओं को सामने रखा। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से लोगों में प्रतिरोधक क्षमता को प्रोत्साहन देने, संक्रामक बीमारियों का भय दूर करने, अर्थव्यवस्था फिर से खुलने के बाद वित्तीय समर्थन आदि उचित कदम उठाने का भी अनुरोध किया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने एनजीओ के प्रतिनिधियों को पूरी मदद देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि जिलों के लाल, नारंगी और हरे क्षेत्रों में वर्गीकरण से एनजीओ को अपने काम के लिए प्राथमिकता तय करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने संवाद के वर्तमान चैनलों के साथ ही समर्पित ट्विटर हैंडल @CovidIndiaSeva जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को कोविड-19 के प्रबंधन के बारे में अपनी चिंताओं को बताने का अनुरोध किया।
उन्होंने सभी से मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों और हाथों की स्वच्छता, फेस कवर के उपयोग, ज्यादा जोखिम वाली आबादी की देखरेख, जहां तक संभव हो घर से काम करने और लॉकडाउन तथा सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने का अनुरोध किया। डॉ. हर्ष वर्धन ने फिर कहा कि कोविड-19 की रोकथाम में सामाजिक दूरी और लॉकडाउन सबसे ज्यादा सक्षम सामाजिक वैक्सीन है।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशानिर्देशों और परामर्श आदि सभी प्रमाणित और ताजा जानकारियां स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट https://www.mohfw.gov.in/से हासिल की जा सकती हैं, जो दिन में कम से कम दो बार अपडेट की जाती है। अंत में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सत्र में भाग लेने और मूल्यवान सुझाव देने के लिए डॉ. हर्ष वर्धन, सामाजिक संगठनों और एनजीओ तथा उनके प्रतिनिधियों के प्रति आभार प्रकट किया।