नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में ई-दंतसेवा वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च किये। मुंह संबंधी स्वास्थ्य की जानकारी के लिए यह पहला राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म है। डिजिटल स्वास्थ्य की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिेये ई-दंतसेवा 100 करोड़ लोगों तक पहुंचेगी। डॉ. हर्षवर्धन ने दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेन पुस्तिका तथा वॉयस ओवर भी जारी किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से प्रेरित होकर ऐसे पहल की शुरूआत की गई है। ई-दंतसेवा पहला राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिये मुंह संबंधी स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान करता है। दांतों का खराब स्वास्थ्य व्यक्ति के विकास के सभी आयामों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। दांतों का खोखला होना और समय-समय पर दांत संबंधी बीमारियां भारत के लोगों की आम शिकायत है। दांतों की संक्रामक बीमारियों से गंभीर रोग हो सकते है। एम्स तथा अन्य हितधारकों के सहयोग से मंत्रालय की यह पहल लोगों को मुंह संबंधी स्वास्थ्य के बारे में जागरूक बनाएगी।
ई-दंतसेवा में राष्ट्रीय मुंह संबंधी स्वास्थ्य कार्यक्रम, सभी दंत कॉलेजों और सुविधाओं की सूची, जानकारी व संचार संबंधी सामग्री तथा एक अनूठी विशेषता ‘लक्षणों की जांच’ आदि शामिल हैं। इनमें दांतों की देखभाल, रोगों से बचाव, इलाज के तरीकों को भी शामिल किया गया है। उपयोगकर्ता नजदीकी दांतों के अस्पताल की भी जानकारी प्राप्त कर सकता है। वेबसाइट में जीपीआरएस मार्गदर्शिका/तस्वीरों/सैटेलाइट तस्वीरों को भी शामिल किया गया है।
दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल जानकारी प्राप्त करने का प्राथमिक तरीका है। मुंह संबंधी स्वास्थ्य की ब्रेल पुस्तिकाएं और वॉयस ओवर से उन्हें दांतों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त होंगी। कार्यक्रम में दो दृष्टिबाधित बच्चों ने ब्रेल पुस्तिका पढ़कर यह प्रदर्शित किया कि ये पुस्तिकाएं उनके लिए अत्यधिक उपयोगी है।
राष्ट्रीय मुंह संबंधी स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरूआत 2014 में हुई थी। दंत शिक्षा व अनुसंधान केन्द्र (सीडीईआर), एम्स कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय केन्द्र के रूप में कार्य करता है।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, दंत शिक्षा व अनुसंधान केन्द्र (सीडीईआर), एम्स के प्रमुख डॉ. ओ.पी. खरबंदा, इंडियन डेन्टल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अशोक धोवले, ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन के छात्र व शिक्षक तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे।