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डॉ. हर्षवर्धन ने छात्रों से स्टार्ट-अप अपनाने का आग्रह किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोलकाता में 5वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के एक हिस्से के रूप में छात्रों की इंजीनियरिंग मॉडल प्रतियोगिता मीट एंड एक्सपो का उद्घाटन करते हुए छात्रों को नवाचारी विचारों के बारे में काम करने के लिए प्रेरित किया।

यह प्रतियोगिता देशभर के अनेक छात्रों को एक छत के नीचे अपने नवाचारी विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच पर लाई है। यह प्रतियोगिता वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के भारतीय रसायन जीव विज्ञान संस्‍थान, साल्क लेक, कोलकाता में आयोजित की गई। इसमें देशभर के लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया।  

इस मीट एंड एक्सपो का उद्घाटन करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार हमेशा नवाचारी विचारों का खुले हृदय से स्‍वागत करती है। उन्‍होंने छात्रों से स्टार्टअप अपनाने के लिए कहा। अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य को दोहराते हुए उन्‍होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए  हम सभी को निरंतर प्रयास करने चाहिए।

उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में राष्‍ट्रीय नवाचार प्रतिष्‍ठान जैसे जैसे संगठनों द्वारा लाख से अधिक नवाचारी विचारों को विकसित और प्रदर्शित किया गया है। छात्रों द्वारा तैयार किए गए मॉडलों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने विशेष रूप से दृष्टिहीन छात्रों के लिए बनाये गये मॉडल का उल्लेख किया और कहा कि इस तरह के विचारों को राष्ट्रपति भवन तक ले जाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बौद्धिक संपदा के रूप में उपयोग किए जाने के अलावा हमारे सामने आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान प्राप्‍त करने में  प्रयोग किया जा सकता है। “नवाचारी गुणांक बहुत महत्वपूर्ण है और नवोचारी विचारों के लिए प्रधानमंत्री हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं। भारत युवा प्रतिभाओं और छात्रों का उपयोग करके हर मौजूदा समस्या का समाधान प्राप्‍त कर सकता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी वंचित को भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपनी समस्‍याओं का समाधान करने के प्रयास करते रहना चाहिए। उस स्थिति में वैज्ञानिक समाधान उसकी समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। प्रदर्शनी में 108 मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शकों को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह प्रदर्शनी आपकी कड़ी मेहनत की समाप्ति नहीं होनी चाहिए। उन्हें उद्यमिता और स्टार्टअप की दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए।

इस प्रदर्शनी में रखे गए मॉडल यह सिद्ध करते हैं कि भारत की रचनात्मकता में कोई कमी नहीं है। डॉ. हर्षवर्धन ने प्रदर्शित मॉडलों को देखा और छात्रों को यह सोचने के लिए प्रोत्साहित किया कि इन मॉडलों को अगले स्तर तक कैसे ले जाया जा सकता है। नवाचार के लिए आप कोई भी विषय चुनें और उसके लिए प्रयास करें। यदि आप एक बार में सफलता अर्जित नहीं करते हैं तो आप निराश न हों। जब तक आप सफलता हासिल नहीं कर लेते, तब तक कड़ी मेहनत करते रहें।

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