नई दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिक तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश के युवाओं से ‘योग जीवन’ अपनाने की अपील की है, जिससे कि वे जीवनभर की मानसिक एवं शारीरिक तंदुरूस्ती सुनिश्चित कर सकें। आज खड़कपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं विज्ञान से जुड़ा व्यक्ति हूं और चिकित्सा की एलोपैथिक शाखा में प्रशिक्षण के द्वारा सर्जन हूं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि योग का विज्ञान से कोई अंतर्विरोध नहीं है। यह विज्ञान है। मैं आप होनहार इंजीनियरों को योग के साथ प्रयोग करने के लिए आमंत्रित करता हूं, क्योंकि बहुत जल्द आप महसूस कर लेंगे कि यह आपको ज्यादा सामाजिक और स्वस्थ व्यक्ति बनाने के अतिरिक्त आपकी उत्पादकता को भी बढ़ाता है।
उन्होंने वर्ष 2000 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नीति निर्माताओं की कोबे बैठक में भाग लेने के अवसर का स्मरण करते हुए कहा कि वहां इस बात पर सर्वसहमति थी कि स्वास्थ्य एक व्यक्ति विशेष की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक तंदुरूस्ती है, केवल रोगों और दुबर्लताओं से मुक्ति भर नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व के अग्रणी नीति निर्माताओं की इस बात पर आम सहमति थी कि इसे अर्जित करने के लिए योग सबसे क्षमतापूर्ण स्वदेशी समाधानों में से एक है।
डॉ. हर्षवर्धन ने खड़कपुर शहर में नेहरू युवा केन्द्र और पतंजलि पीठ द्वारा आयोजित एक वृहद शिविर में भी भाग लिया। प्रधानमंत्री के आह्वान पर हजारों लोग योग दिवस का आनन्द उठाने के लिए वहां एकत्र हुए।