नई दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार विकास मॉडल में बदलाव लाकर भारत के खोए हुए गौरव को बहाल करना चाहती है। यह मॉडल हमारी प्राचीन समझ को आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान से एकीकृत करता है।
कल शाम अमेरिका के न्यू जर्सी में भारतीय अमेरिकी समुदाय को सम्बोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर लोगों का विश्वास अब बहाल हो गया है। मंत्री ने कहा कि भारतीयों की आकांक्षा ऐसे नेताओं की रही है, जो उनके जीवन को सार्थक एवं उद्देश्यपूर्ण कर सकें, इसलिए उन्होंने पिछले चुनाव में स्पष्ट जनादेश दिया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सक्षम, प्रभावशाली, पारदर्शी, नैतिक और विकासोन्मुख शासन के जरिए लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए तेजी से आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का सपना वर्ष 2022 तक देश में सभी के लिए निरंतर या निर्बाध बिजली का लक्ष्य हासिल करना है। वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा समेत नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन लक्ष्य 100 जीडब्ल्यू तय किया गया है। सेमी-कंडक्टर वैफर फैब्रिकेशन इकाइयों में निवेश को मोदी सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद भारत ने विश्व में मोबाइल फोन और कम्प्यूटर का सबसे बड़ा उत्पादक बनने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का पूर्ण दोहन करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस ओर ध्यान दिलाया कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की बदौलत उपभोक्ता, खाद्य एवं थोक महंगाई दरों में पहले ही उल्लेखनीय कमी दर्ज की जा चुकी है। विश्व बैंक ने वर्ष 2017 तक भारत में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है, जिसके बल पर भारत विश्व भर में सबसे तेजी से विकसित होने वाली विशाल अर्थव्यवस्था बन जाएगा। डॉ. हर्षवर्धन ने उपस्थित लोगों को यह जानकारी भी दी कि निर्माण एवं मेडिकल डिवाइस समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए नियमों को आसान करने के अलावा रक्षा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई और बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई सुनिश्चित करने के कार्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।