नई दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘जिम्मेवार उपभोक्तावाद’ की संस्कृति विकसित करने पर विशेष जोर दिया।
आज नागपुर स्थित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के एक प्रकोष्ठ राष्ट्रीय पर्यावरणीय इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-नीरी) में आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत के महानगरों में वायु प्रदूषण को भावी पीढि़यों के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता है। इस पर करीबी नजर रखने और सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सीएसआईआर-नीरी से अगले एक वर्ष के दौरान देशभर में अपनी मोबाइल इकाइयां तैनात करने को कहा।
नागपुर के लोगों के हित में मंत्री द्वारा आज हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई मोबाइल उत्सर्जन निगरानी और नियंत्रण प्रयोगशाला (एमईएमसीएल) को आगे चलकर देश के सभी प्रमुख शहरों में ले जाया जायेगा। पूरे साल सर्वेक्षण एवं अवलोकन करने के बाद सीएसआईआर-नीरी युद्ध स्तर पर अनुकरण के लिए कारगर समाधानों की पेशकश करने की स्थिति में आ जायेगा।
डॉ. हर्षवर्धन ने नागरिकों से खुद को ‘जिम्मेवार उपभोक्ता’ के रूप में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ‘इंस्टैंट’ और जंक फूड के पीछे भागने के बजाय उन्हें अपनी वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक परिवहन और नैतिक खरीदारियों के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए।