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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘सौर ऊर्जा के उत्‍पादन को देश में एक जन आंदोलन का रूप देना होगा’

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्‍वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में सौर ऊर्जा के उत्‍पादन को एक जन आंदोलन का रूप देना होगा। वह आज दिल्‍ली के निकट गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित सेंट्रल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड के संयंत्र में नवस्‍थापित स्‍वचालित सौर मॉड्यूल उत्‍पादन संयंत्र समर्पित करने के बाद बोल रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि सभी को श्री नरेन्‍द्र मोदी की अगुवाई में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात में हुई शानदार प्रगति के उदाहरण का अनुकरण करना चाहिए। श्री नरेन्‍द्र मोदी इस दौरान राज्‍य सरकार का नेतृत्‍व संभाल रहे थे। उन्‍होंने प्रधानमंत्री की तरफ से लोगों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश को आगे ले जाने में श्री नरेन्‍द्र मोदी के जज्‍बे को साझा करने की अपील की।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उन्‍होंने इससे पहले संसद को सौर ऊर्जा चालित विमान की स्विट्जरलैंड से भारत तक की उड़ान के बारे में जानकारी दी थी। उन्‍होंने कहा कि ग्‍लोबल वार्मिंग (विश्‍वव्‍यापी तापमान वृद्धि) के मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश जैसे राज्‍यों में बड़ी संख्‍या में हो रही मौतों को ध्‍यान में रखते हुए हमें हर घर में सौर ऊर्जा का उत्‍पादन करने और कार्बन क्रेडिट अर्जित करते हुए विद्युत बोर्डों के ग्रिड के लिए इसे बेचने का संकल्‍प लेना चाहिए। मंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया की प्रथम सौर ऊर्जा चालित ट्रेन चलाने के लिए विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरा जारी है।

डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि देश की राजधानी दिल्‍ली इस दिशा में पीछे रह गई है। उन्‍होंने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि दिल्‍ली को वर्षभर में 300 से भी ज्‍यादा दिनों तक सूरज की अत्‍यंत उत्‍कृष्‍ट रोशनी प्राप्‍त होती है। इसका इस्‍तेमाल हर घर को एक बिजली घर में तब्‍दील करने में किया जा सकता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि लोग अपने घरों की छतों का इस्‍तेमाल न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने हेतु सौर ऊर्जा के उत्‍पादन के लिए, बल्कि ग्रिड को इसे बेचकर आमदनी अर्जित करने में भी कर सकते हैं।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) और विदेश तथा प्रवासी भारतीयों के मामलों के राज्‍य मंत्री जनरल (अवकाश प्राप्‍त) डॉ. वी.के. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सेंट्रल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड (सीईएल) के कर्मचारीगण सौर ऊर्जा के उत्‍पादन में भारत को अग्रणी बनाने के प्रति‍कटिबद्ध नजर आते हैं। उन्‍होंने संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 200 मेगावाट पैनलों के उत्‍पादन के स्‍तर पर ले जाने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास करने का आह्वान किया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्‍वी विज्ञान राज्‍य मंत्री श्री वाई.एस. चौधरी ने कहा कि इस तरह की 40 मेगावाट पैनलों की सालाना क्षमता वाली कई और स्‍वचालित उत्‍पादन लाइनें ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में स्‍थापित की जानी चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा के स्‍थानीय उत्‍पादन में और ज्‍यादा बढ़ोतरी की जानी चाहिए, जिसके लिए विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों द्वारा अनेक तरह के प्रोत्‍साहन भी दिए जा रहे हैं। उन्‍होंने लोगों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में चलाए जा रहे कौशल विकास तथा उद्यमिता कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेने का आह्वान किया।

स्‍थानीय विधायक डॉ. अमरपाल शर्मा, सीईएल के सीएमडी श्री नलिन सिंघल और सीईएल तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस उत्‍पादन इकाई के लॉन्चिंग समारोह में उपस्थित थे।

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