नई दिल्ली: डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि बेहतर परिणामों के लिए देश भर में चिकित्सा, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी समुदाय के संयोजन को संस्थागत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ऐसा तंत्र होना चाहिए जहां कोई इंजीनियर किसी मेडिकल कॉलेज में जाता है और एक तकनीकविद किसी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में जाता है तथा एक वैज्ञानिक किसी क्लिनिसियन के क्लिनिक में जाता है।
शनिवार को तिरुवनंतपुरम में श्री चित्रा तिरुनल चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में चार प्रमुख परियोजनाएं आरंभ करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले श्री चित्रा जैसे संस्थानों को ‘स्वस्थ भारत के लिए मेक इन इंडिया‘ की दिशा में संरेखित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में, खासकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयात विकल्पों की बेहद आवश्यकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों के दौरान देश ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेशुमार प्रगति की है और वैज्ञानिक अनुसंधान पर फंडिंग इस अवधि में तीन गुनी हो गई है।