नई दिल्ली: भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और उनसे पदोन्नतियों में पिछले शेष कार्यों को स्वीकृति देने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा हस्तक्षेप किये जाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत एक ज्ञापन में बताया गया कि संयुक्त आयुक्त/जेएजी स्तर के लगभग 450 पद रिक्त पड़े हुए हैं लेकिन किसी भी योग्य अधिकारी को पदोन्नत नहीं किया गया है। इसकी वजह यह है कि भर्ती नियमों में आहर्ता मानदण्ड के अनुसार उप सचिव स्तर पर न्यूनतम पांच वर्ष की रेजीडेंसी की अनुशंसा की गई है। 2007 बैच तक के अधिकारियों को पहले ही पदोन्नत किया जा चुका है और इसलिए उन्होंने 2017 बैच के अधिकारियों के लिए, जो छूट चुके हैं, आहर्ता अर्जित करने हेतु नौ महीनों की छूट के लिए आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने डॉ. जितेन्द्र सिंह से हस्तक्षेप करने की मांग की जिससे कि डीओपीटी परिस्थितियों पर समग्र रूप से विचार कर सके और जेएजी/जेसी-आईटी की पदोन्नति के लिए छूट की मंजूरी दे।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले प्रमुख आईआरएस अधिकारियों में मुंबई के श्री राजेश मेनन, दिल्ली के श्री अनंतरमन अय्यर, श्री सी के सिंह एवं श्री बी के सिंह शामिल थे।