नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज नई दिल्ली में ‘पेंशन नियमों और भविष्य’ पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के पेंशन व पेंशनधारी कल्याण विभाग द्वारा किया गया था। यह कार्यक्रम विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के कर्मियों के पेंशन संबंधी मामलों के लिए आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से अधिकारियों को पेंशन संबंधित मामलों की जानकारी मिलती है। पिछले कुछ वर्षों में पेंशनधारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है क्योंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात जीवन प्रत्याशा में बढ़ोत्तरी हुई है। एक तरफ भारत की बड़ी आबादी की उम्र 40 वर्ष से कम है और दूसरी तरफ बुजुर्गों की आबादी भी बढ़ रही है। हमें दोनों स्थितियों का सामना करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पेंशनधारियों के हित में कई कदम उठाए हैं। इसमें न्यूनतम पेंशन में वृद्धि, डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र अनुभव और भविष्य पहल आदि शामिल हैं। श्री सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मियों को विशाल अनुभव होता है और उन्हें एक संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए। उनकी सेवाओँ का उपयोग किया जाना चाहिए।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रतिभागियों से बातचीत की। उन्होंने पेंशन विभाग के अधिकारियो से सभी सुझावों व कठिनाइयों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।
डीएआरपीजी और पेंशन के सचिव श्री के.वी.ईयपन ने कहा कि विभाग ने पेंशन से संबंधित मामलों का विश्लेषण किया है और इससे पेंशनधारियों की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी।
सत्र में पेंशन नीति और भविष्य निधि, पेंशन प्रक्रिया और भविष्य तथा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, जीवन प्रमाण पत्र, मेडिकल सुविधा, परिवार पेंशन जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। तीन पोर्टलों – भविष्य, अनुभव और संकल्प – पर भी जानकारी दी गई।