नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह एवं गृह राज्य मंत्री श्री किरन रिजिजु ने कल मणिपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।केन्द्रीय टीम ने स्थानीय मंत्रियों, विधायकों एवं राज्य अधिकारियों के साथ चंदेल जिले के सर्वाधिक प्रभावित जौमोल गांव का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां 01 अगस्त, 2015 को एक बड़ा भूस्खलन हुआ था। उन्होंने थॉबल जिले एवं नजदीक के क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित स्थानों का भी हवाई सर्वेक्षण किया।
इम्फाल हवाई अड्डे पर लौटने के बाद डॉक्टर जितेन्द्र सिंह एवं श्री किरन रिजिजु ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम के साथ विचार-विमर्श किया, जिसने खोज एवं बचाव ऑपरेशन का संचालन किया था। एनडीआरएफ टीम के कमांडर ने मंत्रियों को टीम द्वारा की गई खोज एवं बचाव संचालन के बारे में जानकारी दी। एनडीआरएफ के अनुसार जौमोल गांव में भूस्खलन से 19 ग्रामीण प्रभावित हुये, जिसमें से 10 व्यक्तियों की जान बच गई, तथा नौ बह गये। 9 लापता लोगों में से एनडीआरएफ की टीम ने चार के शव बरामद कर लिये तथा 5 का पता नहीं लग सका, क्योंकि पीडि़त व्यक्ति 50 से 60 फीट तक कीचड़ और मलबे में दफन हो गये थे। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण किसी अर्थमूवर मशीन का उपयोग करना संभव नहीं हो पाया।
केन्द्रीय टीम ने बाद में राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और स्थानीय मीडिया के साथ बातचीत की। मुख्य सचिव ने प्रारम्भिक क्षति की रिपोर्ट पेश की। बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री की तरफ से दुर्घटना में मारे गये लोगों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने उन लोगों के प्रति भी प्रधानमंत्री की सहानुभूति प्रेषित की, जिन्हें बाढ़ के कारण आर्थिक नुकसान सहन करना पड़ा। ऐसी जानकारी मिली कि थॉवल जिले की 75 प्रतिशत आबादी इससे प्रभावित हुई है। धान के खेतों के अलावा मछली फार्मो को भी भारी नुकसान पहुंचा।