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डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन में अब तक के सबसे पहले स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम की घोषणा की

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज यहां पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन में देश के अब तक के सबसे पहले मान्‍यताप्राप्‍त स्‍नातकोत्‍तर डिग्री पाठ्यक्रम की शुरूआत की घोषणा की।

जामिया मिल्‍लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय में पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन केन्‍द्र का दौरा करने के बाद उन्‍होंने आज यह घोषणा की, जहां उन्‍होंने इस निर्णय को अंतिम रूप देने के लिए कुलपति प्रो. तलत अहमद, पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. संजॉय हजारिका और संकाय के अन्‍य सदस्‍यों के साथ एक बैठक की।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि भारत के लिए यह अपने तरह की एक बिल्‍कुल नई और बेजोड़ पहल है, क्‍योंकि ऐसा पहली बार होगा कि कोई भारतीय विश्‍वविद्यालय क्षेत्र आधारित अध्‍ययन के लिए एक विधिवत मान्‍यताप्राप्‍त स्‍नातकोत्‍तर डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा। किसी विश्‍वविद्यालय में क्षेत्र आधारित अनुसंधान और अध्‍ययन की अवधारणा अब तक किसी भारतीय शिक्षा केन्‍द्र में शामिल नहीं थी, किन्‍तु यूरोपीय विश्‍वविद्यालयों में यह अवधारणा मौजूद थी। इस पाठ्यक्रम की शुरूआत से न केवल जामिया मिल्‍लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय को एक विशिष्‍ट पहचान मिलेगी, बल्‍कि भारत के पूर्वोत्‍तर भाग को भी एक बेजोड़ शैक्षिक पहचान मिलेगी।

इस दौरान कुलपति प्रो. तलत अहमद और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र अध्‍ययन केन्‍द्र के अध्‍यक्ष प्रो. संजॉय हजारिका ने डॉ. सिंह को बताया कि जबकि अगले शैक्षिक सत्र से पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन में विधिवत स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम की शुरूआत होगी, इसी शैक्षिक वर्ष से स्‍नातकोत्‍तर परीक्षा में पूर्वोत्‍तर अध्‍ययन पर एक ऐच्‍छिक पत्र शुरू किया गया है।

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