नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के सचिव श्री राम मुइवा उपस्थित थे।
अधिकारियों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं की प्रगति के बारे में डॉ.जितेन्द्र सिंह को जानकारी दी। उन्हें क्षेत्र में लागू होने वाली आगामी पहलों और परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया गया कि दिल्ली में पूर्वोत्तर छात्रों के लिए जेएनयू छात्रावास के निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निविदा प्रक्रिया में है। यह जेएनयू में अपनी तरह का पहला छात्रावास है। छात्रावास में 224 कमरे होंगे जिसमें 424 छात्र रह सकेंगे। छात्रावास के 224 कमरों में से 24 कमरे दिव्यांग छात्रों के लिए होंगे। शेष कमरों में 200 लड़के और 200 लड़कियां रहेंगे। चार मंजिला छात्रावास लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। आने वाले हफ्तों में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्हें यह भी बताया गया कि बेंगलुरु में पूर्वोत्तर छात्राओं के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया छात्रावास शुरू हो गया है। इन छात्रावासों के अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों और संस्थानों में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर छात्रों के लिए रोहिणी छात्रावास के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है और डीडीए को 2.5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। छात्रावास लगभग 5 एकड़ के क्षेत्र में बनाया जाएगा।
बैठक के दौरान नई दिल्ली के द्वारका में स्थापित किए जाने वाले पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और सूचना केंद्र की स्थिति पर भी चर्चा की गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 50 करोड़ रुपये है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि यह केंद्र दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सांस्कृतिक और सम्मेलन/सूचना केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इसका निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा और इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर सामग्री के साथ एक पुस्तकालय-सह-अध्ययन कक्ष होगा।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए चल रही विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सभी प्रयास करेगी और पूर्वोत्तर के लोगों के लाभ के लिए नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्री जल्द ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू करेंगे ताकि वहां की सही स्थिति का आकलन किया जा सके।