नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री इंद्रजीत सिंह, एनईसी के सचिव श्री राम मुइवा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के नवीनतम सुविधाओं से युक्त डैशबोर्ड के उन्नत संस्करण का शुभारंभ किया। डैशबोर्ड के उन्नत संस्करण का उद्घाटन करते हुए, डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए वन स्टॉप सेंटर है। उन्होंने उपयोगकर्ताओं के लिए इसे उपयोगी बनाने के लिए के आंतरिक आईटी टीम के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि डैशबोर्ड का उन्नयन एक सतत प्रक्रिया है।
भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में जारी परियोजनाओं पर हुई प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रतिदिन औसतन दो परियोजनाओं के साथ अब तक 3250 करोड़ रुपये की लागत वाली 205 परियोजनाओं के कार्यों को मंजूरी/पूर्ण/परिचालन किया जा चुका है। इन परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के धन का भी बेहतर और गुणवत्तापूर्ण रूप से उपयोग किया गया है।
दिल्ली में पूर्वोत्तर छात्रों के लिए जेएनयू छात्रावास के निर्माण की स्थिति पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह जेएनयू में अपनी तरह का पहला छात्रावास है। हॉस्टल में 224 कक्ष होंगे और 424 छात्र यहां निवास कर सकते हैं। 224 कक्षों में से 24 कक्ष दिव्यांग छात्रों के लिए होंगे। शेष कक्षों को छात्र और छात्राओं में समान संख्या में उपलब्ध कराया जाएगा।
नई दिल्ली में द्वारका में स्थापित किए जाने वाले पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और सूचना केंद्र की स्थिति पर भी बैठक के दौरान चर्चा की गई। मंत्री महोदय के सुझाव के अनुसार कि इसे और भविष्योन्मुखी बनाने और इसमें 1000 व्यक्तियों को समायोजित करने की क्षमता वाले ऑडिटोरियम बनाने के भवन के नए प्रस्तावित डिजाइन पर भी एक प्रस्तुति दी गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 94 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सांस्कृतिक और सम्मेलन/सूचना केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकार के 100 दिनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान मंत्रालय ने बहुत कुछ किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को लघु व्यवसाय उद्यम शुरू करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कृषि मंत्रालय के साथ किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) शुरू करने का प्रस्ताव है। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में, यह योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय/पूर्वोत्तर परिषद द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने क्षेत्र में कार्यान्वित की जाने वाली पहलों और परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार पूर्वोत्तर में जारी विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सभी प्रयास करेगी और पूर्वोत्तर के लोगों के लाभ के लिए और नई परियोजनाओं को प्रारंभ करने के लिए कदम उठाएगी।