नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज विदेश मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) द्वारा आयोजित‘परमाणु टैक 2019’ सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया। इस सम्मेलन में परमाणु ऊर्जा और विकिरण प्रौद्योगिकियों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉ. होमी भाभा द्वारा परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर आधारित परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की शुरूआत के बाद से ही भारत ने लम्बी यात्रा तय की है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया है। भारत ने इस प्रौद्योगिकी का उपयोग हमेशा से रचनात्मक उपयोग के लिए किया है कभी भी विनाशकारी उपयोग के लिए नहीं। यह एक दुविधा बन गई है कि परमाणु ऊर्जा के अधिकांश सामाजिक अनुप्रयोगों का लोगों को अधिक ज्ञान नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की परमाणु ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने और विकिरण तथा इसके नुकसान के बारे में व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के लिए केंद्रित प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत के धीरे-धीरे हट रहे अन्य स्रोतों को देखते हुए परमाणु ऊर्जा भविष्य में ऊर्जा का एक बड़ा और सस्ता स्रोत बनेगी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों के दौरान सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक उपलब्धि यह है कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र हरियाणा के गोरखपुर सहित देश के अन्य हिस्सों में भी स्थापित हो रहे हैं। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव श्री के एन व्यास ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य उनके विभाग द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक अनुप्रयोगों का प्रदर्शन करना है। उद्योग और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्रों में रेडियो आइसोटॉप्स की भूमिका को सब जानते हैं। इस अवसर पर परमाणु ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और विदेशी राजनयिक भी उपस्थित थे।