नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संदर्भ में पूर्व सेना जनरलों और एयर मार्शलों से संबंधित जानकारी प्राप्त की। वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा आयोजित की गई बैठक के दौरान, बातचीत करने और अपने विचारों को प्रस्तुत करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल थे, जनरल वी पी मलिक, पूर्व सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद, पूर्व सेना उपप्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व जीओसी उत्तरी कमांड, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, पूर्व जीओसी उत्तरी कमांड, लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा, पूर्व डीजीओएल और मेजर जनरल एस के शर्मा, पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ, उत्तरी कमान।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, अधिकांश पूर्व वरिष्ठ जनरलों और एयर मार्शलों को न केवल जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र के भू-भागों की अनूठी स्थिति का ज्ञान रहा है, बल्कि सेवानिवृति के बाद नागरिक समाज के प्रमुख सदस्यों और प्रतिष्ठित नागरिकों के रूप में, वे राय निर्माताओं के रूप में भी विशिष्ठ भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारियां और सुझाव न केवल कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रयासों में सुधार लाने के लिए मूल्यवान हैं बल्कि वे हमें उनके स्वयं के दृष्टिकोण से देखे गए कुछ पहलुओं की जानकारी भी प्रदान कर सकते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ रक्षा कर्मियों को अपडेट किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों में से 5 राज्य पहले ही कोरोना मुक्त हो चुके हैं जबकि अन्य 3 राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस को कोई भी नया सकारात्मक मामला सामने नहीं आया है, जिसका मतलब यह है कि बहुत जल्द ही पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र कोरोनावायरस से मुक्त हो सकता है। इसी प्रकार, जम्मू-कश्मीर पर अपडेट करते हुए, उन्होंने कहा कि पूरे जम्मू क्षेत्र में केवल 15 कोरोनावायरस के मामले शेष बचे हुए हैं जबकि कश्मीर घाटी में कुछ पॉकेट जैसे बांदीपोरा आदि अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं लेकिन वे इससे लगातार बाहर निकल रहे हैं।
इस संदर्भ में सभी प्रतिभागी अपनी राय में एकमत थे कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई का प्रभावपूर्ण तरीके से नेतृत्व किया है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि भारत के प्रमुख बड़े क्षेत्रों में से एक, संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र धीरे-धीरे कोरोना की चपेट से बाहर निकल रहा है। इसी प्रकार, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में वर्तमान शासन के अंतर्गत प्रभावी प्रशासन की भी सराहना की, जिसने कोरोना महामारी के फैलाव की भयावहता को नियंत्रित करने में मदद की है।
लॉकडाउन के बारे में उनकी आम राय यह थी कि छूट को धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। इसी प्रकार, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए सामान्य सलाह यह थी कि बांग्लादेश जैसे अन्य देशों के साथ सीमाओं को सील करना लाभप्रद रहा है।
उनके द्वारा पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर दोनों जगहों पर जनसामान्य के व्यवहार को अनुकूल बताया गया। इसी प्रकार, विकल्प के रूप में ऑनलाइन शॉपिंग और ऑनलाइन क्लासेज के भी विचार व्यक्त किए गए।