नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने असम के बर्नीहाट में बेत और बांस प्रौद्योगिकी पार्क तथा बेत और बांस प्रौद्योगिकी कार्यालय (सीबीटीसी) परिसर का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में अनेक संभावनाएं मौजूद हैं, जिनमें बांस शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत में पैदा होने वाले कुल बांसों का 50 प्रतिशत हिस्सा इस क्षेत्र में पाया जाता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में भारत का सबसे बड़ा बांस भंडारण मौजूद है और उसका बाजार पूरे देश में फैला है। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से आग्रह किया कि वे घर में उगने वाले बांसों का इस्तेमाल करके विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करें, ताकि उन्हें घर बैठे आजीविका प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर परिसर और अन्य संगठन युवाओं की सहायता करेंगे।
इस अवसर पर पूर्वोत्तर परिषद से सचिव और सीबीटीसी के अध्यक्ष श्री राम मुइवा ने कहा कि बेत और बांस प्रौद्योगिकी पार्क बहुत पुरानी मांग थी और आज यह स्वपन पूरा हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष से पूर्वोत्तर परिषद बांस उत्पादन पर विशेष ध्यान देता रहा है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बेत और बांस प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला का दौरा किया और पार्क के परिसर में स्थित उत्पादन स्टॉलों का अवलोकन किया।
उल्लेखनीय है कि बांस प्रौद्योगिकी पार्क को बांस और बेत के विकास के लिए स्थापित किया गया है, ताकि उद्योगों, उद्यमियों, डिजाइनरों, शिल्पकारों, ग्रामीणों, शिक्षकों, नीति-निर्माताओं, तकनीशियनों आदि की जरूरतों को पूरा किया जा सके। बेत और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र गुवाहाटी में स्थापित किया गया है। भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन इसके प्रमुख हितधारक हैं। इस केंद्र को “बेत और बांस प्रौद्योगिकीय उन्नय तथा नेटवर्किंग परियोजना” के तौर पर शुरू किया गया है। सीबीटीसी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के 5400 से अधिक शिल्पकारों, छात्रों, किसानों और उद्यमियों सहित अन्य देशों के लोगों को भी बेत और बांस प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया है।