नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह सोमवार 16 नवम्बर, 2015 को नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सामान्य प्रशासन विकास के प्रधान सचिवों की एक दिन की कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। कार्यशाला में सरकार में जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार व्यवस्था को समाप्त करने के बारे में केन्द्र सरकार के निर्देशों पर बल दिया जाएगा। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी), झारखण्ड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम तथा उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि प्रेजेंटेशन देंगे।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पिछले महीने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की थी कि वे जहां कहीं भी संभव हो निचले पदों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार व्यवस्था को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाएं।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में ऐसे पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रणाली को समाप्त करने का सुझाव दिया था और प्रधानमंत्री के सुझाव का अनुपालन करते हुए कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग ने 04 सितम्बर, 2015 को इस विषय को सभी राज्य सरकारों के समक्ष उठाया। इसके बाद 8-9 सितम्बर, 2015 को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में राज्यों के सामान्य प्रशासन विभाग/कार्मिक सचिवों के साथ इस पर विचार-विमर्श किया गया।
सरकार का विचार है कि जहां व्यक्तित्व या कौशल मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं है वहां जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रणाली को समाप्त किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, पारदर्शी तरीके से चयन सुनिश्चित होगा और गरीब तथा संसाधन विहीन उम्मीदवारों की समस्याएं कम होंगी। इससे न केवल मेधा को बल मिलेगा बल्कि सरकार के “मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्मेंट” के संकल्प की पूर्ति भी होगी। पिछले महीने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया था कि केन्द्र सरकार के अधीन विभिन्न मंत्रालयों/विभागों तथा अन्य संगठनों में अनेक ग्रुप-बी (अराजपत्रित) तथा ग्रुप-सी (गैर-तकनीकी) पदों की पहचान की गई है जहां बिना साक्षात्कार के प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयन किया जा सकता है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे साक्षात्कार प्रणाली समाप्त करने तथा प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयन करने के काम में लोक सेवा आयोग तथा अन्य भर्ती एजेंसियों को शामिल करें। इससे नागरिक केन्द्रित पारदर्शी शासन का लक्ष्य प्राप्त होगा।
कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग और प्रशासनिक सुधार तथा लोकशिकायत विभाग तथा पेंशन तथा पेंशनधारी कल्याण विभाग ने हाल में अनेक दूरगामी कदम उठाए हैं। इनमें प्रमाणपत्रों के सत्यापन की व्यवस्था को समाप्त करना और स्वंय सत्यापन व्यवस्था लागू करना तथा लिखित जीवन प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करने के लिए पेंशन पोर्टल और सिविल सेवा परीक्षा के तौर तरीकों और सिलेबस को संशोधित करना शामिल है।