नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), युवा मामले और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज बेंगलुरु में विशेष रूप से पूर्वोत्तर की छात्राओं के लिए एक छात्रावास की आधारशिला रखी।
बैंगलोर विश्वविद्यालय में 269 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता के साथ अपनी तरह के इस प्रथम छात्रावास का निर्माण करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा करीब डेढ़ वर्ष पहले पूर्वोत्तर मत्रालय का पदभार संभालने के बाद उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में विशेष रूप से पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए छात्रावासों के महत्व को महसूस किया। इस तथ्य पर ध्यान देते हुए कि बंगलोर विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के छात्र होने और उन्हें आवास मिलने में मुश्किलों का सामना करने की परिस्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर की महिला विद्वानों के लिए इस छात्रावास के तौर पर शुरूआत करने का निर्णय किया है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अगली छात्रावास परियोजना को जल्द ही नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के परिसर में प्रारंभ किया जाएगा, यहां पर पूर्वोत्तर परिषद के द्वारा भूमि को पहले से ही अधिग्रहीत कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में जेएनयू में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं होने से इस सुविधा को यहां बढ़ाने को उपर्युक्त महसूस किया गया। इस बीच डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश के त्यागी से दक्षिण परिसर में पूर्वोत्तर छात्रों के लिए एक छात्रावास हेतु उपर्युक्त भूमि के लिए बातचीत जारी है। इस पहल के बाद डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वह पुणे जैसे छात्रों से परिपूर्ण शहरों में भी भूमि की तलाश कर रहे हैं।
देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में गुणवत्ता शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाने वाले छात्रों के संबंध में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय पूर्वोत्तर के युवाओं को उनकी क्षमता के अनुसार उच्चतम अकादमिक शिक्षा में समर्थ बनाने के लिए स्वयं दायित्व ले चुका है।
इस अवसर पर कर्नाटक सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री टी.बी.जयचंद्र, बंगलोर विश्वविद्लय के कुलपति प्रो. बी.थिम्मे गौड़ा, कर्नाटक के अपर मुख्य सचिव श्री भरत लाल मीणा, पूर्वोत्तर परिषद के सचिव डॉ. राम मुइवा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।