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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर के लिए हवाई जहाज के माध्यम से ‘मृतक’ पार्थिव शरीर को निःशुल्क ले जाने के इंडिगो के फैसले की सराहना की

DR. Jitendra Singh northeast through the plane 'dead' body applauded the decision Indigo free to move
देश-विदेश

नई दिल्लीलोक शिकायत पेंशन राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर के विभिन्न स्थलों पर ‘मृतक’ पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के माध्यम निःशुल्क ले जाने के इंडिगो के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में क्षेत्र में सक्रिय सभी एयरलाइनों से एक अपील की गयी थी और उन्हें प्रसन्नता है कि इंडिगो ने इस पर शीघ्र ही अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

इंडिगो एयरलाइन्स के उपाध्यक्ष श्री विक्रम चोना ने व्यक्तिगत रूप से डॉ. जिंतेन्द्र सिंह से मुलाकात की और इस अनुरोध के संदर्भ में इंडिगो के अध्यक्ष श्री आदित्य घोष का डॉ. जिंतेन्द्र सिंह को संबोधित किया गया एक पत्र सौंपा। इस पत्र में इस पहल को ‘आखिरी आहूति’ के रूप में वर्णित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र के उन सभी हवाई अड्डों पर ‘मृतक’ पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के माध्यम से निःशुल्क ले जाने का फैसला किया है, जहां इंडिगो संचालनरत है। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में इंडिगो दिल्ली से गोवाहटी, अगरतला, डिब्रूगढ़, दीमापुर और इंफाल के लिए उड़ाने संचालित कर रही है।

श्री विक्रम चोना ने डॉ. जिंतेन्द्र सिंह को यह भी जानकारी दी कि जब कभी इंडिगो पूर्वोत्तर के अन्य स्थलों पर अपनी उड़ान संचालित करेगा ऐसी ही निःशुल्क सुविधा उन हवाई मार्गों पर भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ऐसी पहली निःशुल्क सुविधा दिल्ली में रह रहे मणिपुर के निवासी को दी गयी थी, जिनका दुर्भाग्य से निधन हो गया, और उनके पार्थिव शरीर को हवाई जहाज से इंफाल भेजा गया था। श्री चोना ने इस पहल में दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त और दिल्ली में पूर्वोत्तर के लोगों के नोडल ऑफिसर की ओर से मिले सहयोग की भी जानकारी दी।

डॉ. जितेंन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की ओर से इंडिगो एयरलाइन्स का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों को अक्सर दुर्भाग्य की स्थिति का सामना करना पड़ता है जब कभी उनके परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समस्याओं के कारण मृतक के रिश्तेदार अक्सर मृतक के पार्थिव शरीर को पूर्वोत्तर ले जाने में असमर्थ होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मजबूरीवश ऐसे मृतकों का अंतिम संस्कार दिल्ली में ही करना पड़ता है।

डॉ. जितेंन्द्र सिंह ने कहा कि इंडिगो के द्वारा प्रकट किया गया यह भाव न केवल मानव चिंता का प्रतिबिंब है बल्कि सरकार और निजी क्षेत्रों के बीच सार्वजनिक निजी साझेदारी की दिशा में विभिन्न स्तरों और विभिन्न स्थितियों में नागरिकों को प्रदान की जा रही सेवाओं का भी विस्तार है।

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