नई दिल्लीः राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार के संबंध में परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग की संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति की चौथी बैठक केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित की गई। इस बैठक में डॉ. शेखर बसु, सचिव परमाणु ऊर्जा विभाग, डॉ कै. शिवन, सचिव अंतरिक्ष विभाग, लोक सभा सांसद श्री जनार्दन मिश्र तथा श्री अजय मिश्रा टेनी, समिति के गैर-सरकारी सदस्य एवं विभागों के उच्चाधिकारियों ने भी भाग लिया।
उपर्युक्त बैठक में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने हिंदी भाषा में सरल शब्दों तथा बोल-चाल की भाषा के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी विषयों पर पुस्तकों का अनुवाद विद्यालयों तथा भावी पीढी तक पहुँचे ताकि युवा वर्ग इन विषयों में रूचि लें तथा देश को भावी वैज्ञानिक मिल सकें। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने जो सुझाव दिए हैं उनके कार्यान्वयन के लिए विभाग प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों पर समाज और देश को गर्व है। ऐसा वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध तथा संकल्प के साथ परिश्रम के कारण ही संभव हुआ है। उन्होंने जानकारी दी कि चंद्रयान-II को इस वर्ष अक्टूबर में प्रक्षेपित किया जाएगा, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार तीन वर्ष पूर्व एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें अंतरिक्ष विभाग की प्रौद्योगिकी का विभिन्न विभागों तथा मंत्रालयों के लिए उपयोग पर बल दिया गया था। परमाणु ऊर्जा विभाग के महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र जो पहले पश्चिम और दक्षिण भारत तक सीमित थे, अब भारत के अन्य क्षेत्रों में भी स्थापित किए जा रहे हैं, हरियाण के गोरखपुर में निर्माणाधीन परमाणु संयंत्र उसका एक उदाहरण है।
इस उपलक्ष्य पर उन्होंने “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी – समाज के लाभ के लिए” शीर्षक पुस्तक, “ऊर्जस्वी” नामक पत्रिका तथा समिति के सदस्यों डॉ. दामोदर खड़से, डॉ. ऋता शुक्ल, प्रो. बी. वायललि तांबा और डॉ. आर सू द्वारा रचित पुस्तकों का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर दोनों विभागों में संघ सरकार की राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु गहन चर्चा की गयी। बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये जिनमें प्रमुख सुझाव हैं:- कार्यशालाओं का आयोजन, हिंदी में तकनीकी पुस्तकों की उपलब्धता, हिंदी भाषा के प्रयोग के लिए प्रोत्साहन तथा विभिन्न स्थानों पर रिक्त पदों की भर्ती इत्यादि।