केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर के उपेक्षित वर्गों के लिए विशेष रूप से 30 प्रतिशत आवंटन का निर्णय लिया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह अरुणाचल प्रदेश के ‘चकमा और हजोंग नागरिकता अधिकार समिति’ के एक चकमा प्रतिनिधिमंडल से वार्तालाप कर रहे थे। पूर्वोत्तर क्षेत्र (डोनर) विकास मंत्रालय से संबद्ध पूर्वोत्तर परिषद, गृह मंत्री अमित शाह की सलाह पर, एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि पूर्वोत्तर परिषद की मौजूदा योजनाओं के तहत नई परियोजनाओं के लिए पूर्वोत्तर परिषद के आवंटन का 30 प्रतिशत समाज के वंचित क्षेत्रों/वंचितों/ उपेक्षित वर्गों के विकास और पूर्वोत्तर के उभरते हुए क्षेत्रों के विकास को समर्पित किया जाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में समाज के उपेक्षित वर्गों के विकास में सहायता मिलेगी और अंतर-क्षेत्र और अंतर-जनजाति/सामुदायिक असमानता को कम किया जा सकेगा, जिससे भविष्य में चकमास सहित उपेक्षित वर्गों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस योजना से पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता का संरक्षण होगा और ऐसी लिपियों/भाषाओं के विकास में मदद मिलेगी, जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों को विकसित करने और देश के अन्य अधिक विकसित राज्यों के समकक्ष लाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में रहने वाली विभिन्न जनजातियों और समुदायों के समान विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद से 30 प्रतिशत आवंटन के बारे में हाल के निर्णय से वंचित क्षेत्रों और उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने से समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोविड महामारी के दौरान भी अपनी विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य जारी रखने के लिए पूर्वोत्तर परिषद की सराहना की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) और पूर्वोत्तर परिषद के द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र को दी गई कोविड संबंधित सहायता का भी उल्लेख किया।