नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि
महिलाओं का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए और उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं में खामोशी के साथ अपना काम करने की खूबी होती है। वे आज यहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यशाल को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का उद्देश्य समाज के विकास में महिलाओं के योगदान पर चर्चा करना था। इस अवसर पर शतप्रतिशत दृष्टि बाधित सुश्री एनएल बेनो जेफीन विशिष्ट अतिथि थीं। उल्लेखनीय है कि वे भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुश्री एनएल बेनो जेफीन न केवल समस्त महिलाओं के लिए, बल्कि हम सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को उनका अनुसरण करना चाहिए ताकि अपने जीवन में कुछ उपलब्धि हासिल कर सकें। मंत्री महोदय ने कहा कि सुश्री जेफीन ने अपने आत्म विश्वास और दृढता से यह कामयाबी हासिल की है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री संजय कोठारी ने कहा कि जीवन में सफलता अर्जित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है और पिछले बैच में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं। श्री कोठारी ने कार्यशाला में भाग लेने वाली महिला कर्मियों का आह्वान किया कि वे कम से कम एक महिला को शक्ति संपन्न बनाने में मदद करें।
मुख्य अतिथि सुश्री एनएल बेनो जेफीन अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों को अवसरों में बदलने की क्षमता पैदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा और कल्पना चावला जैसी महिलाएं हमारे लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि भले उनके पास भौतिक दृष्टि न हो लेकिन वे भारत की पहली ऐसी आईएफएस अधिकारी बनी हैं, जो शत प्रतिशत दृष्टि बाधित है। ऐसा वे अपनी दृढ़ प्रतिज्ञता के वजह से बन सकी हैं।
इस अवसर पर एएस (एफए) कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन तथा गृह मंत्रालय श्रीमती संजीवनी कुट्टी, ईओ, डीओपीटी श्री राजीव कुमार, अपर सचिव, डीएआरपीजी श्रीमती उषा शर्मा तथा मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे।