नई दिल्ली: संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार) एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कला और संस्कृति पर नई विषयवस्तु को ‘दि गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट’ पर जारी किया। यह पहल भारत की विरासत से पूरे विश्व को परिचित कराने और आने वाली पीढि़यों के लिए उसे डिजटिलीकरण के जरिए संरक्षित करने के लिए की गई है। यह पहल गूगल और संस्कृति मंत्रालय के बीच 2012 में शुरू किए गए संयुक्त प्रयासों का नतीजा है, जिसमें राष्ट्रीय संग्रहालय और राष्ट्रीय आधुनिक कला वीथिका, नई दिल्ली शुरूआती साझीदार हैं।
इनके अलावा इस पहल में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण, सालारजंग संग्रहालय (हैदराबाद), विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कोलकाता) सहित हस्तशिल्प हाट समिति, देवी आर्ट फाउंडेशन, किरण नाडार कला संग्रहालय, ललित कला एवं साहित्य अकादमी, कलाकृति अभिलेखागार, धरोहर यातायात संग्रहालय, शिवानंद योग वेदान्त एवं आश्रम तथा रामामणि आयंगर स्मारक योग संस्थान जैसे अन्य प्रसिद्ध संस्थान शामिल किए गए हैं।
इस अवसर पर डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि भारत की विरासत और संस्कृति बहुत समृद्ध है और हमारा प्रयास रहा है कि हम पूरे विश्व को इनसे परिचित कराएं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की सार्थकता के लिए प्रौद्योगिकी की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसका स्वप्न माननीय प्रधानमंत्री जी ने देखा है। भारतीय संस्कृति और विरासत को ऑनलाइन प्रस्तुत करने से प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकेण को वास्तविकता में बदलने के लिए बहुत सहायता होगी। इससे भारतीय पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मंत्री महोदय ने जोर दिया कि हमारे युवाओं को विदेशों में पर्यटक स्थलों की यात्रा करने के पहले हमारे देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत से परिचित होना चाहिए। डॉ. महेश शर्मा ने कहा इन नई पहलों से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सकल घरेलू उत्पाद में उसका सकारात्मक योगदान होगा। गूगल दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजन आनन्दन ने कहा जब प्रौद्योगिकी, कला और विरासत एक साथ हो जाते हैं तो उसके नतीजे बहुत आकर्षक होते हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास है कि भारतीय संस्थानों को मदद दी जाए ताकि प्रौद्यागिकी की शक्ति के इस्तेमाल से भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को ऑनलाइन लाया जा सके।
गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट के संकलन में देश की अनोखी संस्कृति के विभिन्न पहलू मौजूद हैं, जिनमें प्राचीन स्थापत्य कला से लेकर आधुनिक समकालीन कला शामिल है। राष्ट्रीय संग्रहालय गूगल का लंबे समय से साझेदार रहा है और उसकी नई प्रदर्शनियों को मिलाकर दो हजार से उपर नई छवियां तथा 70 दृश्य प्रदर्शनियां गूगल प्लेटफार्म पर जोड़ी गई हैं। इस संकलन में 26 नए दृश्य पर्यटन शामिल किए गए हैं, जिनमें एकाट्टारसो महादेव मंदिर और पैलेस ऑन ह्वील का शाही सैलून जैसी प्रसिद्ध चीजें शामिल हैं। इन सबको गूगल की स्ट्रीट व्यू प्रौद्यौगिकी के दौरान अंकित किया गया था।
विषयवस्तु तक पहुंच को और आसान बनाने के लिए हस्तशिल्प हाट समिति, देवी आर्ट फाउंडेशन, ललित कला एवं साहित्य अकादमी, कलाकृति अभिलेखागार, धरोहर यातायात संग्रहालय और कलाकृति अभिलेखागार एक मोबाइल ऐप जारी कर रहे हैं जिसे संस्कृति संस्थान ने तैयार किया है। इसके अलावा हस्तशिल्प हाट समिति, कलाकृति अभिलेखागार, शिवानंद योग वेदान्त एवं आश्रम तथा रामामणि आयंगर स्मारक योग संस्थान इन दृश्य प्रदर्शिनियों को अपनी वेबसाइट पर दिखाने के लिए संस्कृति संस्थान की प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करेंगे।