नई दिल्ली: केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘संस्कृति पर पुनर्गठित केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड (सीएबीसी) की दूसरी बैठक तक’ की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के बीच इस देश की महान संस्कृति को फैलाने में दिग्गज कलाकारों की भूमिका बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं और संस्कृति के मौलिक रूपों को संरक्षित रखा जाना चाहिए और उसे बनाए रखने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए।
सीएबीसी के सदस्यों से कला, संगीत, नृत्य एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित करने का आग्रह किया गया। बैठक में उपस्थित लोगों में सचिव (संस्कृति) श्री ए.के. सिन्हा एवं बीएचयू के उप कुलपति श्री जी.सी. त्रिपाठी समेत श्री सुरेश तलवालकर, श्री वासुदेव कामत, प्रो. एस.आर. लीला, श्री एस.एल. भाईरप्पा, श्री प्रांजल सेकिया, डॉ. वमन केन्द्रेय, प्रो. एम.बालासुब्रमण्यम, प्रो. रहमान अली, श्रीमती उमा शर्मा, पंडित छन्नुलाल मिश्रा और विख्यात गीतकार श्री समीर अंजान शामिल थे। कुछ सदस्यों का विचार था कि 2018 में आयोजित होने वाला थियेटर ओलंपिक्स भारतीय थियेटर बिरादरी के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी किया जा सकता है।
सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि संगीत के क्षेत्र में काम करने वाले सक्रिय समूहों की सहायता की जानी चाहिए तथा युवा पीढि़यों के बीच संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। मंत्री महोदय ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि देश की संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करने तथा उसे बढ़ावा देने के लिए संस्कृति मंत्रालय से सभी संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
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